जम्मू कश्मीर : आतंकियों के खिलाफ एक साथ 3-3 ऑपरेशन जारी, कठुआ से आतंकियों के 9 मददगार अरेस्ट
श्रीनगर : जम्मू और कश्मीर में तीन दिनों से तीन अलग-अलग जगहों पर आतंकवाद विरोधी अभियान चल रहे हैं। जम्मू के किश्तवाड़ और उधमपुर और कश्मीर घाटी के अनंतनाग के कोकरनाग क्षेत्र में अभियान सक्रिय हैं। वहीं जम्मू कश्मीा पुलिस ने कठुआ जिले में नौ आतंकवादियों के सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। इनका कथित तौर पर जून और जुलाई के महीनों में जम्मू के कठुआ-बनिहाल-किश्तवाड़ क्षेत्र में सेना के चार जवानों की हत्या और अन्य हमलों से संबंध है।
रविवार तड़के किश्तवाड़ और उधमपुर में दो मुठभेड़ शुरू हुईं। पुलिस ने कहा कि घुसपैठियों का पता करके कार्रवाई की जा रही है। मौके पर रुक-रुक कर गोलीबारी हुई। 25 जुलाई से किश्तवाड़ क्षेत्र में चल रही वार्षिक माचैल यात्रा को कुछ देर के लिए रोक दिया गया। हालांकि क्षेत्र में नए सिरे से सुरक्षा बलों के पहुंचने के बाद इसे फिर से शुरू कर दिया गया। सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस की संयुक्त टीम इलाके में तलाशी अभियान चला रही है।
सुरक्षा बलों ने रविवार शाम उधमपुर के बसंतगढ़ के जंगली इलाके में भी घुसपैठियों के साथ एक संक्षिप्त मुठभेड़ की। उसी क्षेत्र में घुसपैठियों के साथ यह दूसरी मुठभेड़ थी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इलाके में घुसपैठियों के एक समूह को देखा गया था और हमें उम्मीद है कि वे हमारे घेराबंदी क्षेत्र से नहीं बच पाए हैं। सोमवार शाम तक इलाके में तलाशी अभियान जारी रहा। अनंतनाग जिले के कोकरनाग के अहलान गगारमंडू वन क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियान शनिवार को शुरू हुआ था जिसमें सेना के दो जवान- हवलदार दीपक कुमार यादव और लांस नायक प्रवीण शर्मा शहीद हो गए थे जबकि एक नागरिक मारा गया था। इसके अलावा सेना के चार अन्य जवान और एक नागरिक घायल हो गया था।
एक अधिकारी ने कहा कि घुसपैठिए जम्मू के डोडा और किश्तवाड़ क्षेत्रों से कश्मीर के अनंतनाग जिले में घुसे हैं। हमें कुछ अन्य समूहों से भी सूचना मिली है जो कश्मीर घाटी में घुसे हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जम्मू के पुंछ-राजौरी और डोडा-किश्तवाड़ क्षेत्रों से घाटी में प्रवेश करने वाले मार्गों की निगरानी के लिए पीर पंजाल रेंज में कई ऊंचाइयों पर सैनिकों को भेजा गया है।
इस बीच, पुलिस ने कहा कि कठुआ में नौ आतंकवादी सहायकों को गिरफ्तार किया गया है, जिनका कथित तौर पर जून और जुलाई के महीनों में जम्मू के कठुआ-बनिहाल-किश्तवाड़ क्षेत्र में सेना के चार जवानों की हत्या और अन्य हमलों से संबंध है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहम्मद लतीफ उर्फ हाजी लतीफ, निवासी अंबे नाल, जिला कठुआ; अख्तर अली, निवासी अंबे नाल, जिला कठुआ; सद्दाम, निवासी भादू बिलावर, जिला कठुआ; कुशल, निवासी भादू बिलावर, जिला कठुआ; नूरानी, निवासी जुथाना, जिला कठुआ; मकबूल, निवासी सोफियान, जिला कठुआ; और लियाकत, कासिम दीन और खादिम उर्फ काजी, निवासी कट्टल, भादू, बिलावर के रूप में हुई।
एक अधिकारी ने बताया कि हाजी लतीफ नेटवर्क का सरगना है। वह इलाके से गुजरने वाले आतंकवादियों के समूहों के लिए गाइड/लॉजिस्टिक्स आदि का काम करता था। उसने इस काम में दूसरे लोगों को भी शामिल किया। उन्होंने कहा कि सरगना ने सीमा पार आतंकवादी संचालकों के साथ मिलीभगत करके सांबा-कठुआ सेक्टर में भारत में विदेशी आतंकवादियों के अवैध प्रवेश महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अधिकारी ने कहा आरोपी आतंकियो को रहने, भोजन और अन्य रसद प्रदान करने करते थे और उन्हें कैलाश पर्वत के आसपास उधमपुर-कठुआ-डोडा जिलों के पहाड़ों और जंगलों का रास्ता बताते थे। उन्होंने बताया कि कहा कि आरोपियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने गंडोह मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकवादियों को ऊपरी इलाकों में पहुंचने और छिपने में मदद की थी।
70-80 विदेशी घुसपैठिए सक्रियअधिकारियों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में सक्रिय 70-80 विदेशी घुसपैठियों में से 55-60 जम्मू क्षेत्र में सक्रिय हैं और छोटे-छोटे समूहों में काम कर रहे हैं। अधिकांश घुसपैठिए इस समय जम्मू डिवीजन के पुंछ-राजौरी, किश्तवाड़-डोडा, कठुआ और उधमपुर जिलों में सक्रिय हैं। कुछ समूह कश्मीर घाटी में भी घुस गए हैं।