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रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के पादप विज्ञान विभाग में 9वां मशरूम कल्टीवेशन प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न

बरेली,23 दिसम्बर।महात्मा ज्योतिबा फूले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह के दिशा निर्देशन में पादप विज्ञान विभाग में कल 9वां मशरूम कल्टीवेशन प्रशिक्षण शिविर लगाया गया। यह प्रशिक्षण मशरूम विशेषज्ञ एवं प्रशिक्षक डॉ विजय कुमार सिंहाल द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन प्रोफेसर आलोक श्रीवास्तव, प्रोफेसर संजय गर्ग, प्रोफेसर जन मौर्य व डॉ विजय कुमार सिन्हाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। प्रोफेसर संजय गर्ग ने छात्र-छात्राओं को आशीष वचन दिए।

प्रोफेसर आलोक कुमार श्रीवास्तव ने ओयस्टर मशरूम का महत्व बताया। प्रोफेसर जे एन मौर्य द्वारा किसानों, छात्रों एवं गृहणीयों से मशरूम उत्पादन को व्यवसाय के रूप में अपनाने की अपील की गई। डॉ विजय कुमार सिन्हाल ने बताया कि ओयस्टर मशरूम प्रोटीन, विटामिन खनिज तत्व से भरपूर सब्जी है। ओयस्टर मशरूम में फैट लगभग ना के बराबर होता है जिससे हमारे हृदय का स्वास्थ्य उत्तम रहता है। ओयस्टर मशरूम में विटामिन b12 या कोबालामीन विटामिन होता है जो सामान्यत सब्जियों में नहीं पाया जाता है। विटामिन b12 या कोबालामिन मनुष्य में रक्त निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा हमारे तंत्र का तंत्र को मजबूत करता है जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

डॉ सिन्हाल ने बताया कि आने वाले समय में भारतीय बाजार में ओयस्टर मशरूम के बहुत से प्रोडक्ट आने वाले हैं। जो किसान ओयस्टर मशरूम का उत्पादन करेंगे उनकी आय में अतिरिक्त वृद्धि होगी। ओयस्टर मशरूम का उत्पादन 10 से 12 रुपए प्रति किलो होता है जबकि इसका विक्रय मूल्य 100 से 150 रुपए किलो तक होता है। प्रशिक्षण शिविर में अधिक मात्रा किसानों की थी। कई शहरों से किसान ओयस्टर मशरूम का प्रशिक्षण लेने आए थे। कार्यक्रम के दौरान डॉ आभा त्रिवेदी, डॉ पंकज कुमार अरोड़ा, शोध छात्र सौरभ सिंह, आकाश कुमार, हेमा, दिशा शर्मा, एमएससी छात्र विनय प्रताप सिंह, छमा भट्ट, आदि लोग मौजूद रहे।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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