रोजगार की है तलाश तो सरकार की इस योजना से उठाएं लाभ, मिलते हैं इतने रुपये
नई दिल्ली। अगर आप युवा हैं और रोजगार के अच्छे मौके की तलाश में हैं तो आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं। अगर आपको पसंदीदा रोजगार नहीं मिल रहा तो केंद्र सरकार की ये योजना आपका सपना पूरा करेगी। इसके दम पर आप अपना खुद का रोजगार शुरू कर सकते हैं। प्रधानमंत्री रोजगार योजना को शिक्षित बेरोजगारों और गरीबों की मदद के लिए तैयार किया गया है। यह योजना पूरे देश को कवर करती है।
इस योजना में आठवीं कक्षा की पास सभी शिक्षित बेरोजगार युवा शामिल हैं। इसमें महिलाओं, आईटीआई पास और कम से कम 6 महीने की अवधि के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित तकनीकी कोर्स करने वाले व्यक्तियों को वरीयता दी जाती है। उच्च योग्यता वाले आवेदक या जो अपनी मैट्रिक के बाद भी आगे की पढ़ाई कर रहे हैं, वे भी सहायता के लिए पात्र हैं।
प्रधानमंत्री रोजगार योजना को स्व-रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। रोजगार सृजन के दृष्टिकोण से यह केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है। हाल के दिनों में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का स्वरूप अब बदला बदला नजर आएगा। केंद्र सरकार ने अब इस योजना के तहत ट्रेड सेक्टर में ऋण देने का निर्णय लिया है। इसके लिए बैंकों को निर्देश जारी किया जा चुका है। निर्माण और सर्विस सेक्टर में लोन की लिमिट सीमा भी बढ़ा दी गई है।
जन्म तिथि का प्रमाण जैसे कि आपका जन्म प्रमाण पत्र, एसएससी प्रमाणपत्र या उस स्कूल से टीसी जहां आपने अध्ययन किया था। 3 साल के लिए निवास का प्रमाण, राशन कार्ड, या कोई अन्य दस्तावेज।
एमआरओ (मंडल राजस्व अधिकारी) द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र।
योग्यता, अनुभव और तकनीकी प्रमाण पत्र।
ड्राइविंग लाइसेंस।
ईडीपी प्रशिक्षण प्रमाणपत्र
प्रस्तावित परियोजना प्रोफाइल की एक कॉपी।
प्रधानमंत्री रोजगार योजना का लाभ कैसे मिलेगा
PMRY योजना आर्थिक रूप से व्यवहार्य सभी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों के लिए सहायता प्रदान करती है।
बीज और फसलों की बुवाई को छोड़कर कृषि और संबद्ध गतिविधियों को भी इसमें कवर किया गया है।
PMRY के तहत बिजनेस के लिए 1 लाख रुपये और नॉन बिजनेस के लिए के 2 लाख रुपये तक है।
योजना के तहत कर्ज देने देने वाले बैंकों को 5% से 16.25% तक मार्जिन की आवश्यकता होती है। उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए यह मार्जिन 5% से 12.5% तक है।
कुल सब्सिडी और मार्जिन परियोजना की लागत के 20% से अधिक नहीं होना चाहिए।
प्रधानमंत्री रोजगार योजना योजना के तहत 15% तक की सब्सिडी मिलती है। हालांकि, अधिकतम सब्सिडी 7500 रुपये तक ही दी जाती है। पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए यह 15,000 रुपये है।
व्यवसाय और सेवा क्षेत्रों के लिए 1 लाख रुपये तक और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 2 लाख रुपये तक का लोन बिना गारंटी के मिलता है।
कर्जदार को कर्ज चुकाने के लिए व्यक्तिगत गारंटी देनी होगी। इसके अलावा, ऋण का उपयोग करके खरीदी या बनाई गई किसी भी संपत्ति को बैंक के पास गिरवी रखा जाएगा।
लोन के पेमेंट की अवधि तीन साल से सात साल के बीच होती है। प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत कोई प्रोसेसिंग शुल्क नहीं लगता है।