फर्म पंजीयन में अनावश्यक आपत्तियॉ दर्ज कर विलम्ब करना अनुचित : शशांक गुप्ता
जीएसटी की विभिन्न विसंगतियों को लेकर सीतापुर टैक्स बार एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन
सीतापुर। सीतापुर टैक्स बार एसोसिएशन द्वारा जीएसटी की विभिन्न विसंगतियों को लेकर सीतापुर संभाग के ज्वाइन्ट कमिश्नर (कार्यपालक) को सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने न सिर्फ व्यापारियों की समस्याओं से रूबरू करवाया, बल्कि जीएसटी पोर्टल, विभाग द्वारा भेजी जा रहीं नोटिस समेत अन्य कर सम्बन्धी मामलों को उनके सामने रखते हुए निस्तारण की मांग की।
मंगलवा
सीतापुर टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शशांक गुप्ता के नेतृत्व में सभी पदाधिकारियों ने जीएसटी कार्यालय में पहुंचकर संभाग के ज्वाइन्ट कमिश्नर (कार्यपालक) राजेश कुमार से मुलाकात की। इस दौरान अधिवक्ताओं ने उन्हें विभिन्न समस्या में क्रमशः कर निर्धारण अधिकारियों द्वारा जीएसटी पोर्टल पर दाखिल रिर्टनो का अवलोकन किये बिना धारा-73(1) में कर मुक्त वस्तुओं पर कर लगाया जाना। धारा-73(1) के कारण बताओं नोटिस में 2ए में दर्शायी गयी आईटीसी एवं आईटीसी कम्पटीशन चार्ट में भिन्नता होना। नियम 42 एवं 43 के अन्तर्गत आईटीसी रिवर्स की मांग गलत एवं अविवेकपूर्ण से किया जाना, साथ ही वार्षिक विवरण में किन्ही कारणों से हुई लिपिकीय त्रुटि के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण न मांगकर सीधे आदेश पारित किये जाने की बात कहीं। अधिवक्ताओं ने आगे कहा कि अधिक क्लेम आईटीसी/क्लेम आईटीसी के अन्तर के सम्बन्ध में व्यापारियों द्वारा डीआरसी-3 के माध्यम से उपलब्ध आईटीसी को रिवर्स करने के बाद भी गलत तरीके से ब्याज की मांग की जा रही है जो कि पूर्णतया अनुचित है। उन्होंने बताया कि जीएसटी के शुरूवाती वर्षो में जीएसटी-1 में वास्तविक बिक्री रिपोर्ट की गई जबकि जीएसटीआर-3बी में लिपिकीय त्रुटि के कारण बिक्री कम रिपोर्ट हो गई थी जिसकी कर देयता को व्यापारी द्वारा डीआरसी-3 से भुगतान करने के पश्चात भी ब्याज की मांग किया जाना अनुचित है। वहीं बार के अधिवक्ताओं ने नये पंजीयन जारी करने में खण्ड के अधिकारियों द्वारा अनावश्यक आपत्तियॉ दर्ज कराकर विलम्ब किया जाने की भी बात कहीं। इस मौके पर बार के सचिव राजीव शुक्ला, जितेन्द्र बाजपेयी, अमित राठौर, गंगा नारायण श्रीवास्तव, उमाशंकर गुप्ता, मो.ताज, अमित तिवारी, अश्वनी पाण्डेय, अनुराग पाण्डेय, विकास श्रीवास्तव, सूरज राय आदि अधिवक्तागण उपस्थित रहें।