उत्तर प्रदेशराज्य

सरयू का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ के कारण प्रभावित लोग हुए पलायन को मजबूर

डॉ विशाखा श्रीवास्तव ,अयोध्या। सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 60सेमी ऊपर पहुंच गया है।जिसके साथ ही बाढ़ पीड़ितों की दुश्वारियां भी बढ़ती जा रही हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों से अभी भी लोगों का पलायन जारी है। राहत के नाम पर अब तक केवल पशुओं के चारे का वितरण ही किया गया है। करीब 12 हजार की आबादी बाढ़ की विभीषिका झेल रही है।बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के पिपरी संग्राम, पूरे चेतन, सलेमपुर, उरदहवा, मूडाडीहा माझा, मूडाडीहा बस्ती, बलुइया माझा, सेवरहवा, गिल्ट, मदराही, नयी दुनिया, पनसैवा, धनी का पुरवा, तौलेसर का पुरवा, सीताराम का पुरवा, काजीपुर माझा, पुनवासी का पुरवा, रामपुर पुआरी माझा सहित 18 गांवों के 1413 परिवार और करीब 12000 की आबादी बाढ़ की चपेट में है।अभी तक बलुइया माझा, रामपुर पुआरी माझा, काजीपुर माझा के बाढ पीड़ितों को राशन सामग्री का किट वितरण नहीं किया गया। जिससे इन गांवों के बाढ़ पीड़ित दाने-दाने को मोहताज है।बलुइया माझा के रामसागर, वंशीराम, भल्लर, केशवराम ,राम जी, लाल जी, राजेश, राम प्रकाश, कन्धई बताते हैं कि तीसरी बार बाढ़ आई है लेकिन अभी तक राशन किट नहीं मिली। बाढ़ के पानी से घर में रखा घर गृहस्थी का सारा सामान सड़ गया।रामपुर पुआरी माझा के प्रधान रमेश निषाद ने बताया कि सिर्फ भूसा का वितरण हुआ है। राशन सामग्री का किट अभी तक वितरण नहीं हुआ। काजीपुर माझा के प्रधान धर्मेंद्र राजभर ने बताया कि बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। इस बारे में मड़ना मांझा के लेखपाल रामपाल ने बताया कि जल्द ही राशन के किट का वितरण होगा। उधर सोहावल व रूदौली इलाके में भी बाढ़ से तबाही हुई है। कैथी सहित दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी घुसा है। जहां से लोग पलायन कर रहे हैं।

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