रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा प्रख्यात महिला नेत्री स्व.कमला बहुगुणा जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में वाद- विवाद प्रतियोगिता का आयोजन
बरेली, 23 अक्टूबर। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली द्वारा प्रख्यात महिला नेत्री स्व. कमला बहुगुणा जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में कल वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसका विषय , क्या भारत में महिलाओं को आरक्षण देने से वास्तविक समानता हासिल की जा सकती है? रहा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. रीता बहुगुणा जोशी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व सांसद इलाहाबाद ( प्रयागराज) उत्तर प्रदेश और श्री अनिल कुमार जी रहे कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके पश्चात विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। अतिथियों के औपचारिक स्वागत के पश्चात कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. रीता बहुगुणा जोशी जी द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि कि हम सभी को अपना मूल्यांकन स्वयं करके स्वयं को सशक्त करना होगा। महिला आरक्षण से महिला सशक्तिकरण को न केवल मजबूती मिलेगी बल्कि इससे आधी आबादी का प्रतिनिधित्व भी बढ़ेगा। इसके लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाओं की मुद्दों के प्रति ग्रहणशीलता हो। उनकी प्रत्येक क्षेत्र में सक्रिय भूमिका हो तथा वह स्वयं ही दूसरों के लिए रोड मॉडल के रूप में स्वयं को विकसित करें।अपनी माता स्व. कमला बहुगुणा जी के जीवन संघर्षों और उनकी उपलब्धियां पर भी विस्तार से चर्चा की और बताया कि किस प्रकार उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी समाज, शिक्षा और राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि वे एक आदर्श शिक्षाविद और महान समाज सेविका भी थी और उन्होंने सदैव आत्म सम्मान की भावना पर जोर दिया। किस प्रकार दूरदर्शिता, पक्के इरादों, कठिन परिश्रम और अनुशासन के माध्यम से जीवन में सफलता हासिल की जाती है, इस विषय शिक्षा भी उन्होंने विद्यार्थियों को दी कमला बहुगुणा जी की प्रभावशाली और अनूठी जीवन यात्रा के माध्यम से प्रेरणा दी। उन्होंने सदैव महिलाओं को अवसर प्रदान करने, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में भी आगे बढ़ाने के दृष्टिकोण से कार्य किया। वर्तमान समय में महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य ,तकनीकी ,बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, राजनीतिक क्षेत्र और आर्थिक क्षेत्र में काम कर रही है तो आवश्यकता इस बात की है कि उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनको उनके कर्तव्य और अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए।। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल के माध्यम से महिलाओं को व्यवसाय की ओर प्रोत्साहित करके आर्थिक रूप से सुधार किया जा सकता है, साथ ही साथ महिलाओं की कार्य के प्रति सकारात्मक ऊर्जा ,दूरदर्शिता, जीवंत उत्साह और प्रतिबद्धता जीवन क्षेत्र की सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है। अनादि काल से ही महिलाएं मानवता का प्रेरणा स्रोत रही है तथा उन्होंने बड़े पैमाने पर समाज में बदलाव के बड़े उदाहरण भी स्थापित किए हैं। वर्तमान में प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण, समावेशी आर्थिक और सामाजिक विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है। महिला उद्यमियों के लिए स्टैंड अप इंडिया और स्टार्टअप संबंधी कई योजनाएं प्रारंभ की गई है, साथ ही साथ महिला उद्यमिता मंच पोर्टल का गठन भी महत्वपूर्ण पहल है जो विभिन्न प्रकार की पृष्ठभूमि की महिलाओं को एक मंच और साथ ही साथ विभिन्न संसाधन और सुविधाएं भी प्रदान करता है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं न केवल खुद को सशक्त कर रही है बल्कि अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बना रही है। आज देश भर में लगभग 70 लाख स्वयं सहायता समूह है जो महिलाओं की ऊर्जा और उनकी क्षमताओं का सही प्रयोग करके उनके सर्वांगीण सशक्तिकरण करने में अपना योगदान दे रहे हैं ।इस अवसर पर कुलपति प्रो. के.पी. सिंह ने कहा कि कमला बहुगुणा जी की विचारधारा अत्यंत अनूठी और प्रेरणास्पद है तथा उनके द्वारा समाज में महिलाओं की शिक्षा और उन्नति के लिए किए गए कार्य सदैव स्मरणीय रहेंगे। बहुगुणा जी एवं उनका पूरे परिवार का समाज और देश की सेवा में सदैव अविस्मरणीय योगदान रहा है । उन्होंने अपनी दूरदर्शिता और प्रयासों के माध्यम से समाज ,शिक्षा और राजनीतिक क्षेत्र में सकारात्मक सुधार किए । श्री अनिल कुमार जी ने भी महिलाओं की विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक भूमिका और योगदान के विषय में चर्चा की। डा.जोशी द्वारा कुलपति जी तथा आयोजकों को शैली एवं उपहार द्वारा सफल आयोजन के लिए सराहा भी गया। इसके पश्चात प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया जिसमें रुहेलखंड विश्वविद्यालय के 9 जिलों के 200 से अधिक विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया जिनमें से कुल 70 विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया और विषय के पक्ष और विपक्ष में अपने विचार प्रस्तुत किए जिनका प्रो. रीता बहुगुणा जोशी जी ने सुना और और विद्यार्थियों की चिंतन शैली और प्रस्तुतीकरण के लिए उन्हें सराहा और विश्वविद्यालय परिसर के इस अकादमिक वातावरण के लिए बधाई भी दी। प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने अपने तर्कों से निर्णायकों को प्रभावित किया और अपने विचारशील दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से मंच पर प्रस्तुत किया । प्रतियोगिता के पक्ष में प्रथम स्थान दीपांशु दीपपाण्डे ( रु. वि.परिसर) द्वितीय स्थान प्रगति मिश्रा (रु. वि.परिसर) और तृतीय स्थान मोहम्मद इनाम ( रु . वि. परिसर) ने एवं विपक्ष में प्रथम स्थान शुभ्रा प्रकाश , द्वितीय स्थान प्रतिमा ( रु. वि. परिसर) और तृतीय स्थान खुशी शर्मा आर.बी. डी .कॉलेज बिजनौर ने प्राप्त किया । सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। निर्णायक मंडल में प्रो. सुबोध धवन तथा प्रो. रेखा कुलश्रेष्ठ रहे । मंच संचालन डॉ.ज्योति पांडे द्वारा किया गया ।कार्यक्रम में कुलसचिव श्री संजीव कुमार ,संयोजक प्रो. सोमपाल सिंह, सहसंयोजक डॉ. ज्योति पांडे, प्रो. आलोक श्रीवास्तव, प्रो. पी. बी.सिंह, डॉ. कौशल सक्सेना, प्रो.नवीन कुमार, डॉ सौरभ वर्मा ,डॉ. पवन कुमार सिंह, प्रो. शोभना सिंह , प्रो.सुमित्रा कुकरेती , प्रो.त्रिलोचन शर्मा, इंद्रप्रीत कौर, डॉ.अमित कुमार सिंह, डॉ.आशीष जैन, बसंत कुमार, श्री तपन कुमार, सुधांशु शर्मा,अक्षी, वैष्णवी, प्रिया , जयति, मीना आदि उपस्थित रहे।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट