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साढ़े 3 महीने में तैयार हो जाएगा HAL का नासिक प्लांट, वायुसेना के लिए तेजी से बनेंगे LCA-Mk1A फाइटर जेट्स

नई दिल्ली : लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस (Tejas) एमके1ए (Mk1A) वैरिएंट की प्रोडक्शन लाइन नासिक (Nashik) में बनकर तैयार होने वाली है. यह फैसिलिटी काफी तेजी से तैयार की जा रही है. संभावना है कि अगले साल मार्च तक पहला MK1A वैरिएंट इस प्लांट से बनकर बाहर निकलेगा.

इंडियन एयरफोर्स को इस समय इस फाइटर जेट की तत्काल जरूरत है. क्योंकि उसे अपने फ्लीट्स और स्क्वॉड्रन को पूरा करना है. साथ ही पुराने फाइटर जेट्स को भी हटाना है. यह फाइटर जेट अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. अगर मार्च 2024 तक नासिक प्लांट शुरू हो गया तो अगले महीने यानी अप्रैल से प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.

इससे HAL के बेंगलुरू में मौजूद दो अन्य प्लांट्स को सपोर्ट मिलेगा. बेंगलुरू से अभी हर साल 8 फाइटर जेट बन पाते हैं. लेकिन MK1A की सप्लाई चेन में दिक्कत होने की वजह से इसका प्रोडक्शन भी देरी से हो रहा है. इसे अमेरिका से इंजन हासिल करना है. इन सबके बावजूद HAL बाकी काम तैयार करके रखना चाहता है, ताकि जैसे ही इंजन मिले फाइटर जेट कम से कम समय में सेना में शामिल हो सकें.

नासिक के HAL प्लांट में ही सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट की अपग्रेडिंग और प्रोडक्शन भी होता है. यह भारतीय वायुसेना का मुख्य फाइटर जेट है. तेजस एमके1ए को लेकर भारतीय वायुसेना ने HAL के साथ 2021 में 48 हजार करोड़ का सौदा किया था. जिसमें 73 सिंगल सीटर जेट्स और 10 ट्विन सीटर ट्रेनर्स शामिल थे.

तेजस एमके-1ए में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन क्षमता वाला डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk-1A), स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFD), एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट आदि सुविधाएं हैं.

यह फाइटर जेट वैसे तो तेजस एमके-1 की तरह ही है, इसमें कुछ चीजें बदली गई हैं. जैसे इसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूईट, उत्तम एईएसए राडार, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर, राडार वॉर्निंग रिसीवर लगा है. इसके अलावा इसमें बाहर से ECM पॉड भी लगा सकते हैं.

तेजस के आने से वायुसेना के पुराने मिग सीरीज के विमान को हटा दिया जाएगा. तेजस एमके1ए की तैनाती से दुश्मन देशों की हालत खराब रहेगी. नए तेजस के साथ राजस्थान के जोधपुर में तीसरा स्क्वॉड्रन बनाया जाएगा. यानी पाकिस्तान किसी भी तरह की हिमाकत नहीं कर सकता. यह फाइटर जेट दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हल्का लड़ाकू विमान है.

तेजस एमके-1ए फाइटर जेट में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC) को लगाया गया है. DFCC का साधारण भाषा में मतलब होता है कि फाइटर जेट से मैन्यूअल फ्लाइट कंट्रोल्स हटाकर इलेक्ट्रॉनिक इंटरफेस लगाना. यानी कंप्यूटर विमान को उड़ाते समय पायलट के मुताबिक संतुलित रखता है. इस सिस्टम से राडार, एलिवेटर, एलिरॉन, फ्लैप्स और इंजन का नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होता है. फ्लाई बाय वायर फाइटर जेट को स्टेबलाइज करता है. यह विमान को सुरक्षित बनाता है.

मार्क-1ए पिछले वैरिएंट से थोड़ा हल्का है. लेकिन यह आकार में उतना ही बड़ा है. यानी 43.4 फीट की लंबाई. 14.5 फीट की ऊंचाई. अधिकतम 2200 km/hr की स्पीड से उड़ान भर सकता है. कॉम्बैट रेंज 739 किलोमीटर है. वैसे इसका फेरी रेंज 3000 किलोमीटर है.

यह विमान अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें कुल मिलाकर 9 हार्ड प्वाइंट्स हैं. इसके अलावा 23 मिलिमीटर की ट्विन-बैरल कैनन लगी है. हार्डप्वाइंट्स में 9 अलग-अलग रॉकेट्स, मिसाइलें, बम लगा सकते हैं. या फिर इनका मिश्रण कर सकते हैं.

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