मिलिये उन कलाकारों से, जो अपने अभिनय का नहीं, बल्कि सुरों का जादू बिखेरना चाहते थे
मुंबई, फरवरी 2025: टेलीविजन पर शानदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने वाले कुछ कलाकार पहले सिंगर बनने का सपना देखते थे। संवादों की जगह सुरों से सजी दुनिया उनका ख्वाब था और गायिकी उनका पहला प्यार। लेकिन किस्मत उन्हें अभिनय के क्षेत्र में ले आई। हालांकि, संगीत के लिए उनका प्यार आज भी बरकरार है। ऐक्टिंग में कॅरियर बनाने के बावजूद म्यूजिक के लिये उनका प्यार कम नहीं हुआ है और आज भी यह उनकी जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बना हुआ है। इन कलाकारों में शामिल हैं – स्मिता सेबल (‘भीमा‘ की धनिया), गीतांजलि मिश्रा (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश) और सानंद वर्मा (‘भाबीजी घर पर हैं‘ के अनोखे लाल सक्सेना)। ‘भीमा‘ की धनिया उर्फ़ स्मिता सेबल कहती हैं, ‘‘संगीत मेरी जिंदगी की धड़कन रहा है।
मैं किशोर कुमार, आर.डी. बर्मन और के.के. जैसे दिग्गज गायकों के गाने सुनते हुए बड़ी हुई हूं। उनके गानों में सिर्फ संगीत द नहीं बल्कि इमोशन्स भरे होते हैं। बचपन में मैं सिंगर बनने का सपना देखती थी, लेकिन ज़िंदगी ने मुझे एक्टिंग की राह पर ला दिया। फिर भी, संगीत के लिए मेरा प्यार कभी कम नहीं हुआ। मैं अक्सर उनके गाने गुनगुनाती हूं। इस तरह मैंने अपने सपनों को आज भी जिंदा रखा है।‘‘
‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश ऊर्फ गीतांजलि मिश्रा कहती हैं, ‘‘सिंगिंग हमेशा से ही मेरे दिल के उतना ही करीब रहा है, जितनी ऐक्टिंग। अगर ज़िंदगी ने कोई और राह चुनी होती, तो शायद मैं संगीत को अपना कॅरियर बना लेती। हालांकि, मैंने कभी कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया, लेकिन सुन-सुनकर बहुत कुछ सीखा है। अरिजीत सिंह और श्रेया घोषाल जैसे महान गायकों की बारीकियों को महसूस किया है। उनकी आवाज़ में एक जादू है, जो सीधे दिल तक पहुंचती है, और मुझे जब भी मौका मिलता है, मैं उनके गाने गुनगुनाने का आनंद लेती हूं। संगीत मेरे लिए सुकून है, तनाव दूर करने का तरीका है और अपनी भावनाएं व्यक्त करने का ज़रिया भी
। यहां तक कि शूटिंग के दौरान भी मैं अक्सर गाने गाती रहती हूं, क्योंकि इससे मुझे सच्ची खुशी मिलती है। मेरे लिए म्यूजिक सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि एक एहसास है, जो मुझे ज़मीन से जोड़े रखता है और प्रेरणा देता है।‘‘ सानंद वर्मा, जोकि ‘‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अनोखे लाल सक्सेना का किरदार अदा कर रहे हैं, ने कहा, ‘‘संगीत हमेशा से मेरे जीवन का अहम हिस्सा रहा है। जब मैं पहली बार मुंबई आया, तो इसे पूरे जुनून के साथ अपनाया और उस दौरान मुझे राम लक्ष्मण, नदीम-श्रवण जैसे दिग्गज संगीतकारों से जुड़ने का मौका मिला। उनकी कम्पोजीशन्स ने न सिर्फ मेरे संगीत प्रेम को और गहरा किया, बल्कि इस कला को समझने का नया नजरिया भी दिया। हालांकि, अभिनय मेरा मुख्य प्रोफेशन बन गया है, लेकिन गाने का शौक कभी कम नहीं हुआ। आज भी मैं एक सिंगर के तौर पर पहचाने जाने और इस कला को और निखारने का सपना देखता हूं। संगीत की ताकत दिलों को जोड़ने में है, और मैं आशा करता हूं कि भविष्य में और भी ऐसे मौके मिलें, जहां मैं इस प्यार को दुनिया के साथ बांट सकूं। सफर जारी है, और मैं यह देखने के लिये उत्सुक हूं कि यह मुझे कहां तक ले जाता है!‘‘
अपने पसंदीदा कलाकारों को देखिये ‘भीमा‘ में रात 8:30 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में रात 10:00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में रात 10:30 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार, सिर्फ एण्डटीवी पर!