बुंदेलखंड 24×7 की मेहनत लाई रंग, प्रधानमंत्री की ‘मन की बात’ में गूंजा बुंदेलखंड का गौरवशाली इतिहास

बुंदेलखंड, 31 जुलाई 2025: बुंदेलखंड क्षेत्र के नंबर-1 डिजिटल न्यूज़ प्लेटफार्म बुंदेलखंड 24×7 की तीन साल से अधिक की अथक मेहनत और समर्पण ने आज एक नया मुकाम हासिल किया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के निरंतर प्रयासों की बदौलत बुंदेलखंड क्षेत्र की समस्याओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को न केवल राष्ट्रीय, बल्कि वैश्विक मंच पर पहचान मिली है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बुंदेलखंड के वैभवशाली इतिहास, प्राचीन किलों, समृद्ध संस्कृति और शौर्य का जिक्र करना।

सफल बुंदेलखंड, संपन्न बुंदेलखंड के मूल मंत्र के साथ, पिछले लगभग तीन वर्षों में, बुंदेलखंड 24×7 ने 80 से अधिक ज़िला व तहसील स्तर के प्रतिनिधियों के माध्यम से शिक्षा, पलायन, रोजगार, पानी, चिकित्सा व गरीबी जैसी अनेक जन समस्याओं को प्रमुखता से उठाया है। क्षेत्रीय मुद्दों को गहराई से कवर करते हुए चैनल ने न केवल जनता की समस्याओं को सीधे राज्य और केंद्र सरकार के सामने रखने का काम किया है बल्कि बुंदेलखंड को पृथक राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को भी मजबूती से मंच प्रदान किया है। इस दिशा में कार्यरत क्षेत्रीय संगठनों के प्रयासों को भी चैनल का निरंतर सहयोग मिल रहा है।

चैनल के फाउंडर डॉ अतुल मलिकराम के मताबिक, “बुंदेलखंड 24×7 की शुरुआत का उद्देश्य ही था, एक सफल और संपन्न बुंदेलखंड की दिशा में प्रयास करना। जब प्रधानमंत्री जैसे शीर्ष नेता अपने संबोधन में बुंदेलखंड का उल्लेख करते हैं, तो यह हमारी टीम की मेहनत और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह सिर्फ एक चैनल नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है जो बुंदेलखंड को उसका उचित हक दिलाने के लिए संकल्पित है।”
चैनल के अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि आज बुंदेलखंड की विविधताएं राष्ट्रीय चर्चा का हिस्सा बन चुकी हैं। बुंदेली व्यंजनों और महिलाओं की पाक कला को एक अलग पहचान दिलाने के उद्देश्य से शुरू किया गया कार्यक्रम ‘बुंदेली शेफ’ हो या बुंदेली कलाकारों को प्रभावशाली मंच प्रदान करने हेतु आरंभ किए गए कार्यक्रम ‘बुंदेली मेस्ट्रो’ और ‘बुंदेली बावरा’, सभी ने क्षेत्रीय सांस्कृतिक विरासत को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई है। चैनल ने न केवल जमीनी स्तर पर जन मुद्दों को समझने का प्रयास किया है, बल्कि उनके समाधान के लिए ठोस कदम भी उठाए हैं। साथ ही, बुंदेलखंड को पृथक राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को भी बुलंद आवाज़ दी है।