Top Newsउत्तर प्रदेशराज्य

यूपी : नरौरा से छोड़े जा रहे पानी के बाद गंगा नदी उफान पर, बाढ़ प्रभावित गांवों में हुआ जलभराव

कासगंज । यूपी (UP) में नरौरा (Narora) से लगातार गंगा (Ganges) में छोड़े जा रहे पानी के बाद नदी में उफान जारी है। गंगा पहले से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ प्रभावित गांवों (Villages) में चोरों ओर जलभराव के बीच बिजली आपूर्ति ठप होने से ग्रामीण काफी परेशान हैं। जलभराव के बीच लोगों में त्वचा व वायरल रोग भी पनप रहे हैं। पशु पालकों के सामने पशुओं के चारे का संकट बना हुआ है। शनिवार की सुबह भी नरौरा बैराज से गंगा बैराज में एक लाख 43 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। नरौरा से छोड़ा गया पानी जिले में देरशाम से बहना शुरू हो गया है, जिसकी वजह से बाढ़ प्रभावित गांवों में लगातार चोरों ओर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीणों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। इन क्षेत्रों में आवगामन के लिए स्टीमर व नाव ही एकमात्र सहारा बचा है।

चारों ओर जलभराव के बाद बिजली आपूर्ति बाधित होने से लोगों के बिजली उपकरण शोपीस बन गए हैं। राजेपुर कुर्रा गांव के निवासी केपी सिंह ने कहा कि ग्रामीण दिन में सोलर प्लेट के द्वारा बैटरी चार्ज कर लेते हैं। इसी से मोबाइल फोन भी चार्ज करने के लिए मजबूर हैं। जिनके पास सोलर लाइट नहीं है। वह ग्रामीण अपने मोबाइली फोन चार्ज करने के लिए दूसरे गांव चले जाते हैं। जलभराव से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है।

गांवों में त्वचा व वायरल से पीड़ित लोग
पटियाली के बाढ़ प्रभावित गांवों के खेतों व आबादी क्षेत्र में पानी भरा हुआ है। ग्रामीण इस जलभराव के बीच ही आगवामन करने के लिए मजबूर है। ग्रामीण जलभराव की वजह से त्वचा रोग व वायरल रोगों की चपेट में आ रहे हैं। दिन में उमसभरी गर्मी भी लोगों को परेशान कर रही है। शाम के समय इन गांवों में मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है। बाढ़ प्रभावित गांवों में एंटी लार्वा का छिड़काव, फागिंग व दवा वितरण बहुत आवश्यक है। केपी सिंह कहते हैं कि कम से कम तीन दिन में एक बार स्वास्थ्य शिविर लगे तो रोगियों का उपचार हो सकेगा।