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AC और TV की बिक्री में जबरदस्त उछाल, जीएसटी दरें घटने का असर, किराना दुकानों पर भी बढ़ी रौनक

नई जीएसटी (GST) दरें लागू होते ही भारतीय बाजारों में त्योहारी सीजन की रौनक लौट आई है। नवरात्र के पहले दिन से ही टीवी और एयर-कंडीशनर जैसे घरेलू उपकरणों की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। जीएसटी काउंसिल द्वारा उपभोग को बढ़ावा देने के मकसद से टैक्स दरों में किए गए बड़े सुधारों के बाद अब 5% और 18% की दो-स्लैब टैक्स स्ट्रक्चर लागू हो गई है, जिसने महंगाई से जूझ रहे ग्राहकों को बड़ी राहत दी है।

होम अप्लायंसेस की बिक्री में भारी उछाल
पीटीआई की खबर के मुताबिक, जीएसटी दरों में कमी का सबसे ज्यादा असर होम अप्लायंसेस (घरेलू उपकरणों) पर दिख रहा है। रूम एयर-कंडीशनर पर पहले 28% टैक्स लगता था, जो अब घटकर 18% हो गया है। हायर इंडिया के प्रेसिडेंट एन.एस. सतीश ने बताया कि नवरात्र के पहले दिन ही उनकी बिक्री सामान्य दिनों के मुकाबले दोगुनी हो गई। इसी तरह, ब्लू स्टार के एमडी बी. थियागराजन ने उम्मीद जताई कि ग्राहकों में दिख रहे उत्साह से इस साल सितंबर में बिक्री पिछले साल की तुलना में 20% तक बढ़ सकती है।

टीवी मैनुफैक्चरर्स को भी इस बदलाव से काफी फायदा हुआ है। सुपर प्लास्ट्रॉनिक्स प्रा. लि. के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह ने बताया कि जीएसटी 2.0 के पहले ही दिन टीवी की बिक्री में 30 से 35% की बढ़ोतरी हुई। खासतौर पर 43 और 55 इंच स्क्रीन वाले टीवी सेट्स की बिक्री में सबसे ज्यादा उछाल आया है, जिन पर जीएसटी कम हुआ है।

रोजमर्रा की चीजों की बिक्री भी बढ़ी
सिर्फ महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं की बिक्री में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि, नई एमआरपी को लेकर शुरुआती दिनों में दुकानदारों और ग्राहकों के बीच कुछ भ्रम की स्थिति दिखी, लेकिन एफएमसीजी कंपनियों ने भी नई दरों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना शुरू कर दिया है। पारले प्रोडक्ट्स के वाइस प्रेसिडेंट मयंक शाह ने बताया कि डिस्ट्रीब्यूटर लेवल पर अच्छी बिक्री हुई है, और आने वाले दिनों में जब यह माल रिटेलर्स और ग्राहकों तक पहुंचेगा, तब इसमें और तेजी आएगी। उनका मानना है कि जीएसटी और मूल्य निर्धारण को लेकर शुरुआती भ्रम जल्द ही दूर हो जाएगा।

फेस्टिव सीजन में डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद
जीएसटी दरों में कटौती के इंतजार में ग्राहक अब तक खरीदारी से बच रहे थे, जिससे घरेलू उपकरणों की बिक्री लगभग थम सी गई थी। लेकिन अब नवरात्र से लेकर दिवाली तक चलने वाले इस लंबे फेस्टिव सीजन में कंपनियों और डीलरों को दोहरे अंकों में बिक्री वृद्धि की उम्मीद है। आमतौर पर, साल भर की कुल बिक्री का करीब एक-तिहाई हिस्सा इसी त्योहारी सीजन में आता है। ऐसे में जीएसटी की नई दरें कंपनियों के लिए एक बड़ा बूस्टर साबित हो सकती हैं।