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आईवीआरआई में ‘दूध प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन ‘विषय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

बरेली, 23 सितम्बर। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के संयुक्त निदेशालय (प्रसार शिक्षा) एवं पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत ‘दूध प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन’ विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में अनुसूचित जाति के 25 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसका रविवार को समापन हो गया।

प्रशिक्षण के समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. असीम कुमार बिस्वास, प्रधान वैज्ञानिक, पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग ने अपने संबोधन में दूध के स्वच्छ उत्पादन तथा दूध उत्पादों के वैज्ञानिक और समुचित उपयोग के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्राप्त ज्ञान और कौशल का व्यवहार में प्रयोग कर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाएँ। उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन एवं प्रसंस्करण किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण का प्रभावी साधन है और इस क्षेत्र में नए उद्यमियों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि वे भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करें और उच्च गुणवत्ता वाले दुग्ध उत्पादों का उत्पादन तथा विपणन सामूहिक स्तर पर करें। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीकों एवं नवाचारपूर्ण तरीकों को अपनाकर हम अपने उत्पादों की बाजार में स्वीकार्यता और बिक्री को बढ़ा सकते हैं, जिससे किसानों एवं उद्यमियों को अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है।

कार्यक्रम के दौरान पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ देवेन्द्र कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग ने बताया कि घरेलू स्तर पर दूध एवं दुग्ध उत्पादों का प्रसंस्करण ग्रामीण आजीविका सृजन का एक प्रभावी साधन है। उन्होंने अवगत कराया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान स्वच्छ दुग्ध उत्पादन, दूध एवं दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता जाँच, सुरक्षित संग्रहण एवं परिवहन तकनीकें, प्राथमिक प्रसंस्करण की वैज्ञानिक विधियाँ, मूल्य संवर्धन से संबंधित उत्पाद निर्माण की प्रक्रिया तथा सह-उत्पादों के लाभकारी उपयोग जैसे विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गयी। उन्होंने प्रतिभागियों से इन पांच दिनों अर्जित ज्ञान का उपयोग करने हुए, नए उद्यम शुरू करने की बात कही।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. सागर चंद, वैज्ञानिक पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया गया। इस अवसर पर पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक डॉ. तनबीर अहमद, डॉ सुमन तालुकदार तथा अन्य अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट