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Karva Chauth 2025: प्रेम और समर्पण का प्रतीक करवा चौथ व्रत चंद्र दर्शन करके खोला जाता है , जानें आध्यात्मिक परंपरा

Karva Chauth 2025 Date : सनातन धर्म में सुहागिन महिला के जीवन में अत्यंत महत्व रखने वाला व्रत करवा चौथ है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सौभाग्य के लिए सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला उपवास रखती हैं। कठिन नियमों का पालन करने वाला यह व्रत कार्तिक माह की पूर्णिमा के बाद चौथे दिन मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

इस वर्ष करवा चौथ 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को है। और करवा चौथ 2025 का चंद्रोदय समय रात 08:13 बजे होगा। इस व्रत को निर्जला किया जाता है और करवा माता की पूजा होती है। यह व्रत पति-पत्नी के बीच के अटूट प्रेम, त्याग और समर्पण का प्रतीक है, जो रिश्ते को मजबूत करता है। यह त्योहार भारत के उत्तरी और पश्चिमी भागों, खासकर पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह व्रत सोलह श्रृंगार या “सोलह श्रृंगार” की आध्यात्मिक परंपरा को खूबसूरती से दर्शाता है।

पूजा सामग्री
करवा चौथ की पूजा के लिए कुछ चीजें जरूरी होती हैं। इनमें मिट्टी का करवा, दीपक, सिंदूर और कुमकुम, अक्षत, फल और फूल, मिठाई, कांस की तीलियां छलनी और पूजा की थाली आती है।

चंद्रमा की पूजा
चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और फिर छलनी से चंद्र दर्शन करके पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत खोला जाता है।

 

 

 

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