Tuesday, November 18, 2025
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आईवीआरआई में IMSACON-XIII की शुरुआत, एलपीटी डिवीजन के स्वर्ण जयंती वर्ष के साथ देशभर के 200+ वैज्ञानिक होंगे शामिल

बरेली, 18 नवम्बर। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), इज्जतनगर में भारतीय मीट विज्ञान संघ (IMSA) का तीन दिवसीय 13वाँ राष्ट्रीय सम्मेलन (IMSACON-XIII) कल से प्रारम्भ हो रहा है। इस वर्ष सम्मेलन का केंद्रीय विषय है— “मीट सेक्टर में अग्रणी तकनीकों का उपयोग: विकसित भारत के लिए प्रोटीन सुरक्षा की दिशा में।” सम्मेलन के साथ-साथ पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी (एलपीटी) डिवीजन की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण जयंती एलुमनी मीट भी आयोजित की जाएगी।
इस राष्ट्रीय आयोजन में देशभर से 200 से अधिक वैज्ञानिक, शोधकर्ता, तकनीकी विशेषज्ञ, निर्यातक, मीट प्रोसेसर, उपकरण निर्माता, पैकेजिंग एवं कोल्ड-चेन उद्योग से जुड़े प्रतिनिधि भाग लेंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य विज्ञान, उद्योग एवं नीति-निर्माण को एक साझा मंच पर लाकर मीट सेक्टर के भविष्य के लिए ठोस दिशा निर्धारित करना है।
संयुक्त निदेशक शैक्षणिक डॉ एस के मेंदिरता ने बताया कि भारत वर्तमान में विश्व के महत्वपूर्ण पशुधन-सम्पन्न देशों में से एक है। देश का वार्षिक मांस उत्पादन 2023-24 में 10.25 मिलियन टन दर्ज किया गया है (Basic Animal Husbandry Statistics, 2024)। प्रति-व्यक्ति मांस उपलब्धता अभी भी वैश्विक औसत से कम है, जिससे उच्च-गुणवत्ता वाले प्रोटीन की उपलब्धता बढ़ाने, सुरक्षित उत्पादन प्रणालियाँ अपनाने और मूल्य-वर्धित तकनीकों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
पशुधन उत्पाद प्रोद्योगिकी विभाग के के विभागाध्यक्ष डॉ. ए. आर. सेन ने बताया कि कल से प्रारम्भ होने वाले उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. संजय कुमार, चेयरपर्सन, एएसआरबी, नई दिल्ली तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. सतीश कुमार, आईपीएस, एसपी, पुलिस मुख्यालय, लखनऊ होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. त्रिवेणी दत्त, निदेशक-सह-कुलपति करेंगे।  इस अवसर पर आईएमएसए के अध्यक्ष डॉ. पी.के. मंडल, सचिव डॉ. एम. मुत्थुकुमार रहेंगे।
इस अवसर पर आईएमएसए के अध्यक्ष डॉ. पी.के. मंडल  ने बताया कि सम्मेलन में स्मार्ट मीट प्रोसेसिंग, माइक्रोबियल एवं रासायनिक सुरक्षा, उन्नत पैकेजिंग, डिजिटल ट्रेसबिलिटी, AI-आधारित गुणवत्ता नियंत्रण, वैल्यू-ऐडेड उत्पाद विकास, पशु-उत्पाद अपशिष्ट प्रबंधन, स्थायी उत्पादन मॉडल, तथा निर्यात-उन्मुख मानकों पर देश के प्रमुख वैज्ञानिक अपने शोध प्रस्तुत करेंगे।
युवा शोधकर्ता एवं विद्यार्थी मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियों के माध्यम से नवीन वैज्ञानिक प्रवृत्तियों को साझा करेंगे, जबकि उद्योग प्रतिनिधि वैश्विक व्यापार मानक, FSSAI–BIS विनियम, तथा आगामी निर्यात आवश्यकताओं पर अपने अनुभव प्रस्तुत करेंगे।
एलपीटी डिवीजन की स्वर्ण जयंती एलुमनी मीट में पिछले पाँच दशकों की वैज्ञानिक उपलब्धियों, तकनीकी विकास, मानव संसाधन निर्माण तथा देश के मीट सेक्टर में संस्थान के योगदान को याद किया जाएगा।  1975 में स्थापित इस डिवीजन ने अब तक 126 MVSc एवं 80 PhD विशेषज्ञ तैयार किए हैं, जो देश-विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों एवं उद्योगों में नेतृत्वकारी भूमिकाएँ निभा रहे हैं।
तीन दिवसीय कार्यक्रम 21 नवम्बर तक चलेगा। समापन अवसर पर उत्कृष्ट शोध प्रस्तुतियों को पुरस्कृत किया जाएगा तथा सम्मेलन की अंतिम अनुशंसाओं के रूप में विकसित भारत के लिए एक रोडमैप—प्रोटीन एवं पोषण सुरक्षा को सुदृढ़ करने, किसानों की आय बढ़ाने, निर्यात क्षमताओं को मजबूत करने, उपभोक्ताओं को सुरक्षित एवं गुणवत्ता-सम्पन्न पशु-आधारित प्रोटीन उपलब्ध कराने तथा खाद्य-प्रणाली को अधिक टिकाऊ एवं विज्ञान-आधारित बनाने हेतु सुझाव प्रस्तुत किए जाएँगे।                        बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट
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