भाजपा में बढ़ रहा मौर्य का शौर्य!

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बाद बीजेपी का केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। यह उनके राजनीतिक कद में लगातार बढ़ोतरी का सबसे मजबूत संकेत माना जा रहा है। अधिसूचना के पहले से ही केशव मौर्य ने बिहार में डेरा डाल दिया था। बिहार चुनाव में एनडीए ने रिकॉर्ड 202 सीटों पर जीत हासिल की, जिसमें अकेले बीजेपी ने 89 सीटों पर विजय पाकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनने का दर्जा पाया। दमदार केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और दिग्गज गुजराती नेता के रहते सकारात्मक मुस्कान के साथ कठिन जमीनी परिश्रम के कारण कार्यकर्ता केशव मौर्य को दिल में स्थान देता है। बिहार चुनाव के पहले मौर्य को सह-प्रभारी नियुक्त किया गया था। उनकी नेतृत्व क्षमता, रणनीतिक कौशल और जातीय समीकरण साधने की योग्यता ने एनडीए की जीत में अहम भूमिका निभाई। मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के चुनाव प्रबंधन को जमीन पर लागू करने के लिए बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक नेटवर्क तैयार किया। पिछड़ी जातियों और स्थानीय कार्यकर्ताओं को पहले संगठित किया और लगभग दो महीने तक बिहार में चुनावी रणनीति को मजबूती दी।
विहिप नेता अशोक सिंघल के सानिध्य में प्राप्त व्यवहारिक निडरता ऐसी कि राजनीति में प्रवेश करते ही गैर भाजपा सरकारों के संरक्षण में पले माफिया अतीक अहमद से टकरा कर अपनी धमक का एहसास कराया।भाजपा में सपा मुखिया अखिलेश यादव का सबसे ज्यादा निशाना बनने वाले केशव बिहार की धरती पर पर अखिलेश को धूल चटा कर यूपी में उनका ऐसा मनोबल तोड़ा है कि चुनाव परिणाम आने के चार दिन बाद भी अखिलेश यादव सामान्य नहीं हो पा रहे हैं। उनमें 2027 के पराजय का डर सताने लगा है। बिहार चुनाव के प्रचार में अखिलेश ने स्वयं कहा था कि बिहार की जनता के निर्णय की तरह 2027 में यूपी की जनता निर्णय देगी।
जानकारों का मानना है कि बिहार में मिली सफलता के बाद मौर्य का राजनीतिक प्रभाव बिहार के साथ यूपी में भी और बढ़ेगा। 2017 के यूपी चुनाव में उनके नेतृत्व में बीजेपी ने 312 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिसने पार्टी की रणनीति और संगठन संरचना को नई ताकत दी। बिहार के नतीजों ने यूपी और अन्य राज्यों में राजनीतिक दलों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। मौर्य की भूमिका आगामी चुनावों, जैसे कि 2027 यूपी विधानसभा चुनाव, में और भी अहम दिख रही है। बिहार में मिली जीत के बाद बीजेपी ने सरकार गठन की प्रक्रिया को तेज करते हुए केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी है। उनकी स्थानीय स्तर पर पकड़, पिछड़ी जातियों के प्रति प्रभाव और चुनावी प्रबंधन कौशल के कारण अब उन्हें यूपी चुनाव 2027 से पहले पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चा जोर पकड़ रही है।”


