बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के मध्य हुये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के मध्य दिनांक 16 दिसंबर को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुये। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। इसके अतिरिक्त मुख्य तौर पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल, डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू , कुलसचिव डॉ. अश्विनी कुमार सिंह एवं प्रो. शिल्पी वर्मा मौजूद रहीं।
विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने इस अवसर पर कहा कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से दोनों विश्वविद्यालयों के बीच भारतीय ज्ञान प्रणाली को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का सार्थक प्रयास किया जाएगा, ताकि पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक शैक्षणिक एवं शोध ढांचे के साथ एकीकृत किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस सहयोग का प्रमुख उद्देश्य आउटकम बेस्ड रिसर्च को प्रोत्साहित करना है, जिसमें ऐसी शोध की जाए जो समाज के समग्र विकास में ठोस सामाजिक-आर्थिक योगदान प्रदान कर सके। प्रो. मित्तल ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘विकसित भारत’ के स्वप्न को साकार करने के लिए आवश्यक है कि भारतीय ज्ञान प्रणाली, आधुनिक तकनीक और नवाचार को शिक्षा के साथ समन्वित करते हुए कार्य किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में विद्यार्थी-केंद्रित (Student-Centric) शिक्षण-अधिगम अवधारणा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसी दृष्टिकोण से गुणवत्ता-युक्त, व्यवहारिक और समाजोपयोगी शिक्षा को सुदृढ़ किया जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी, लचीली, बहुविषयक एवं नवाचार-उन्मुख बनाने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। उन्होंने एनईपी 2020 के अंतर्गत भारतीय ज्ञान प्रणाली के समावेशन, कौशल-आधारित एवं अनुभवात्मक शिक्षण, शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन से उच्च शिक्षा में गुणवत्ता, सामाजिक प्रासंगिकता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को नई दिशा मिलेगी।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ और केंद्रीय हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, धर्मशाला के बीच हस्ताक्षरित यह समझौता ज्ञापन (MoU) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मूल भावना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका प्रमुख उद्देश्य भारतीय ज्ञान प्रणाली को उच्च शिक्षा, शोध और नवाचार के साथ सुदृढ़ रूप से एकीकृत करना है। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत पारंपरिक, स्वदेशी एवं लोक ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और बहुविषयक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रमों, प्रमाणपत्र एवं कौशल-आधारित पाठ्यक्रमों के विकास और संचालन पर बल दिया गया है। समझौते के माध्यम से संयुक्त शोध परियोजनाओं, अंतरविषयक एवं ट्रांसडिसिप्लिनरी अनुसंधान, शोध प्रकाशनों, नीति संक्षेपों, दस्तावेजीकरण, ज्ञान संरक्षण एवं प्रसार को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारतीय दर्शन, संस्कृति, भाषाओं, कला, शासन, स्थिरता, स्वदेशी विज्ञान और सामाजिक प्रणालियों से जुड़े क्षेत्रों में सहयोग को सुदृढ़ किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, एनईपी 2020 के अनुरूप मल्टीपल एंट्री–मल्टीपल एग्जिट व्यवस्था, डिजिटल अवसंरचना, स्मार्ट कक्षाओं, MOOCs, SWAYAM और अन्य ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स के संयुक्त उपयोग, श्रेष्ठ शैक्षणिक प्रथाओं के आदान-प्रदान, उद्योग-सहयोग, इंटर्नशिप, अनुभवात्मक शिक्षण, स्टार्ट-अप एवं इनक्यूबेशन केंद्रों के संवर्धन तथा पेटेंट एवं ज्ञान हस्तांतरण को प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह MoU विद्यार्थी एवं संकाय से जुड़े कार्यक्रमों, सेमिनार, संगोष्ठी, कार्यशाला, अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों और युवा शोधकर्ताओं की क्षमता निर्माण के माध्यम से शैक्षणिक गुणवत्ता और सामाजिक सहभागिता को बढ़ाने पर भी केंद्रित है। समग्र रूप से यह समझौता NEP 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप भारतीय ज्ञान परंपरा के संरक्षण, नवाचार, वैश्विक शैक्षणिक सहयोग और समाजोपयोगी शिक्षा के विस्तार हेतु एक सशक्त मंच प्रदान करता है।
समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, अधिकारीगण मौजूद रहे।
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