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हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग जाएगा संभल, सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम

संभल: संभल (Sambhal) में 24 नवंबर को हुई हिंसा की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय (A three-member) न्यायिक आयोग (Judicial Commission) के दो सदस्य शनिवार को मुरादाबाद पहुंचे। उनके द्वारा रविवार को हिंसा प्रभावित शहर संभल का दौरा करने की संभावना है। आयोग मौके पर जाकर यह जांच करेगा कि दंगा कैसे और किन परिस्थितियों में हुआ। पुलिस पर पथराव और बल प्रयोग के साथ मौजूदा स्थिति की भी आयोग गहन समीक्षा करेगा।

आयोग के सदस्यों ने बीते शनिवार को मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह से मिलकर घटना की जानकारी ली थी। न्यायालय के आदेश के बाद संभल में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह सर्वेक्षण उस याचिका से जुड़ा था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद स्थल पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संभल में पिछले दिनों हुई हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। आयोग के गठन का आदेश उत्तर प्रदेश के गृह विभाग द्वारा जारी किया गया था। 28 नवंबर को अधिसूचना के जरिए गठित आयोग को दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है। इस समयसीमा को बढ़ाने के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी।

राज्य के गृह विभाग के आदेश के अनुसार हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यी कमेटी को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। आयोग के दो अन्य सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन हैं। आयोग को दो महीने के भीतर रिपोर्ट देनी होगी।

संभल के संवेदनशील स्थानों पर पुलिस द्वारा हर आने-जाने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है। किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि देखे जाने पर पुलिस फौरन कार्रवाई कर रही है। शासन की तरफ से स्पष्ट निर्देश है कि अगर कहीं भी किसी भी प्रकार की संदिग्ध स्थिति देखने को मिले, तो फौरन कार्रवाई की जाए।

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