आईईआरटी प्रयागराज के उत्थान के लिए पूर्व छात्र: एक आंदोलन की तैयारी
प्रयागराज: प्रयागराज स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड रूरल टेक्नोलॉजी (आईईआरटी) उत्तर भारत का एक प्रमुख संस्थान है, जिसने तकनीकी और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में देश को अनेक कुशल इंजीनियर और टेक्नोक्रेट दिए हैं। लेकिन बीते कुछ वर्षों में, संस्थान के शैक्षिक स्तर, प्रशासनिक कार्यों और बुनियादी ढांचे में गिरावट के कारण इसका गौरवशाली अतीत धुंधला पड़ता नजर आ रहा है।
इस स्थिति से चिंतित संस्थान के पूर्व छात्रों ने अब इसके उत्थान के लिए कमर कस ली है। देश-विदेश में फैले इन पूर्व छात्रों ने आईईआरटी के पुराने गौरव को लौटाने के लिए एक बड़े आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है।
संस्थान की वर्तमान स्थिति
आईईआरटी, जिसे कभी तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक आदर्श माना जाता था, आज बुनियादी ढांचे की कमी, प्रशासनिक अव्यवस्थाओं और शिक्षकों की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। इसके अलावा, शोध और विकास के लिए आवश्यक संसाधनों का अभाव भी संस्थान की प्रगति में बाधा बन रहा है।
पूर्व छात्रों की पहल
संस्थान के पूर्व छात्रों ने सोशल मीडिया और विभिन्न मंचों पर अभियान शुरू कर दिया है। उनका उद्देश्य है:
1. संस्थान के लिए वित्तीय सहायता जुटाना: आईईआरटी के बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने के लिए फंडिंग का इंतजाम करना।
2. सरकार का ध्यान आकर्षित करना: उत्तर प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग से संस्थान की स्थिति सुधारने के लिए विशेष ध्यान देने की मांग करना।
3. तकनीकी सहयोग और मार्गदर्शन: वर्तमान छात्रों को इंडस्ट्री-रेडी बनाने के लिए वर्कशॉप, सेमिनार और इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू करना।
बड़े आंदोलन की तैयारी
पूर्व छात्रों ने एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें शामिल हैं:
रैली और धरना प्रदर्शन: प्रयागराज में शांतिपूर्ण रैलियों और धरना प्रदर्शन के जरिए सरकार और प्रशासन को जागरूक करना।
ऑनलाइन याचिका: सरकार और उच्च शिक्षा विभाग को संबोधित करते हुए लाखों लोगों से समर्थन प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन याचिकाएं चलाई जाएंगी।
मीडिया कवरेज: संस्थान की समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर लाने के लिए मीडिया का सहयोग लिया जाएगा।
पूर्व छात्रों का संदेश
पूर्व छात्रों का मानना है कि आईईआरटी न केवल प्रयागराज, बल्कि पूरे उत्तर भारत का गौरव है। अगर इसे समय रहते सुधारने की दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बड़ा नुकसान होगा। उनका उद्देश्य न केवल आईईआरटी को उसकी पुरानी पहचान दिलाना है, बल्कि इसे देश के शीर्ष तकनीकी संस्थानों की सूची में शामिल करना है।
उम्मीदें और चुनौतियां
हालांकि यह आंदोलन एक सकारात्मक पहल है, लेकिन इसे सफल बनाने के लिए प्रशासन और सरकार का सहयोग बेहद जरूरी है। पूर्व छात्रों की इस कोशिश में स्थानीय लोगों, वर्तमान छात्रों और शिक्षकों का समर्थन भी अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।
आईईआरटी के पूर्व छात्रों का यह प्रयास न केवल संस्थान, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह आंदोलन इस बात का उदाहरण है कि जब पूर्व छात्र अपने संस्थान के उत्थान के लिए एकजुट होते हैं, तो असंभव को भी संभव किया जा सकता है।