गोपालपुर में शिक्षा की नई बयार: समंदर किनारे सपनों की क्लास
ओडिशा के गोपालपुर में समुद्र की लहरों से रोज़ी-रोटी कमाने वाले मछुआरों के परिवार के लिए शिक्षा लंबे समय तक एक अधूरी कहानी रही है। लेकिन यही तटीय इलाका एक नई दिशा की तरफ बढ़ चला है। इस बदलाव की अगुवाई कर रहा है अदाणी फाउंडेशन जो यहां की सरकारी स्कूलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास को लेकर सार्थक पहल कर रहा है।
जहां पहले बच्चों के पास सही स्कूल बैग या पढ़ाई का सामान नहीं था वहीं अब 24 सरकारी स्कूलों के 2,700 से अधिक छात्रों को स्पेशल एजुकेशन किट्स दी गई हैं। मजबूत बैग, कॉपी-पेन और अन्य ज़रूरी सामान मिलने से अब ये बच्चे न सिर्फ स्कूल जा रहे हैं बल्कि आत्मसम्मान के साथ पढ़ भी रहे हैं। अदाणी फाउंडेशन ने बदली गोपालपुर तटीय इलाकों की तस्वीर बदल दी है। अदाणी फाउंडेशन के एक प्रवक्ता ने कहा “जब कोई बच्चा पहली बार असली स्कूल बैग अपने कंधे पर टांगता है, उसकी आंखों में एक अलग चमक दिखती है। हम चाहते हैं कि हर बच्चा गरिमा के साथ पढ़ाई करे।” डिजिटल क्लासरूम: गांवों में पहुंची स्मार्ट पढ़ाई
आज डिजिटल शिक्षा कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है। ग्रामीण छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना है तो शिक्षा में गुणवत्ता और तकनीक बहुत जरुरी है। इसी के तहत फाउंडेशन ने 12 शैक्षणिक संस्थानों (स्कूल, कॉलेज, आईटीआई) को डिजिटल क्लासरूम से लैस किया है। इनमें 75 इंच के इंटरैक्टिव पैनल्स लगाए गए हैं, जिनसे पढ़ाई अब किताबों तक सीमित नहीं रही। छात्र वीडियो, एनिमेशन और लाइव कंटेंट से विषयों को बेहतर समझ पा रहे हैं।

शुद्ध पानी और खेल सुविधाएं भी बनीं पढ़ाई का हिस्सा गोपालपुर जैसे समुद्री इलाकों में खारा पानी पीने लायक नहीं होता, जिससे बच्चों को अक्सर बीमारियों का सामना करना पड़ता था। इस समस्या के समाधान के लिए फाउंडेशन ने 9 स्कूलों में आरओ वाटर यूनिट्स लगाए हैं। इससे बच्चों को अब शुद्ध पीने का पानी मिल रहा है, जिससे उनकी सेहत बेहतर हो रही है और उपस्थिति बढ़ी है। इसके साथ ही, बच्चों के विकास को ध्यान में रखते हुए स्कूलों और स्थानीय क्लबों को खेल किट्स भी दिए गए हैं। फुटबॉल, क्रिकेट, कबड्डी जैसे खेल अब बच्चों के रोज़मर्रा का हिस्सा हैं, जो न सिर्फ उन्हें शारीरिक रूप से मजबूत बना रहे हैं, बल्कि उनमें टीमवर्क और आत्मविश्वास भी जगा रहे हैं। असर जो दिखता है, भविष्य जो बनता है
अदाणी फाउंडेशन का यह शिक्षा मिशन सिर्फ किताबें या किट्स तक सीमित नहीं है। यह एक प्रयास है जहां हर बच्चे को पढ़ने, सोचने और सपने देखने का बराबर अधिकार मिल रहा है। बच्चों की मुस्कान में, स्कूलों की दीवारों पर और परिवारों की उम्मीदों में गोपालपुर में यह बदलाव अब दिखने लगा है। क्योंकि जब कोई बच्चा सम्मान के साथ पढ़ता है, तो वह सीमाओं से परे सपने देखता है।