जमानत के बाद गायब हुआ सजायाफ्ता, कोर्ट ने फिर जारी किया गिरफ्तारी वारंट
लखनऊ। चेक बाउंस के एक मामले में कोर्ट ने दोषी सैय्यद समीर मेहंदी को जनवरी में एक साल की क़ैद और बीस लाख रुपए का जुर्माना लगाया। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी ने जमानत कराई लेकिन बिना जुर्माना भरे वह अदालत से फरार हो गया।
अतिरिक्त न्यायालय के पीठासीन अधिकारी अरुण कुमार गुप्ता लगातार उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, जमानतदारों को नोटिस, कुर्की वारंट और रिकवरी वारंट के साथ ही पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख रहे हैं, लेकिन दोषी पुलिस की पकड़ से दूर है। कोर्ट ने फिर से आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए मामले की सुनवाई के लिए 18 सितंबर की तारीख तय की है।

पत्रावली के अनुसार, पेपरमिल कालोनी निवासी योगेश मिश्रा ने अपने परिचित कैसरबाग के तालाब गगनी शुक्ल निवासी सैयद समीर मेंहदी को व्यापार के लिए 10.50 लाख रुपए दिए थे। उधार को चुकाने के लिए आरोपी समीर मेहंदी ने योगेश मिश्रा को चेक दिया जो बाउंस हो गया था। इसके बाद परिवादी योगेश मिश्रा ने कोर्ट के सामने मामला दर्ज कराया। जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी सैय्यद समीर मेहंदी को दोषी पाते हुए गत 22 जनवरी को एक साल की कैद और बीस लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।
