जिलाधिकारी ने जिला स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की करी मासिक बैठक

बरेली, 05 नवम्बर। जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में कल जिला स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की मासिक बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम निराश्रित गोवंश को संरक्षित किए जाने की व्यवस्था और अभियान की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता निराश्रित गोवंश का समुचित संरक्षण एवं सुरक्षा है।
जिलाधिकारी ने ठंड और बारिश से गोवंश के संरक्षण हेतु आवश्यक इंतजाम किये जाने के निर्देश दिए इसके साथ ही फर्स पर बिछावन, पानी की उपलब्धता, दवा एवं पशु चिकित्सकों की टीम की सतत निगरानी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में जिलाधिकारी ने रेडियम पट्टी पहनाने की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा की दृष्टि से यह आवश्यक है कि निराश्रित गोवंश को रेडियम पट्टी अनिवार्य रूप से पहनाई जाएं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावनाएं कम हों। जिस पर अवगत कराया गया कि 1840 रेडियम पट्टी जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय की गयी हैं और गौवंशों को पहनाई जा रही है।
बैठक में निर्देश दिए गए कि जिन हाइवे या मार्गों पर निराश्रित पशु ज्यादा संख्या में है उनका चिन्हांकन कर लिया जाए और उस क्षेत्र के निकट गौशालाओं के निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजे जाएं।

बैठक में निर्देश दिये गए कि सहभागिता की रिपोर्ट व भरण-पोषण की डिमांड हर माह की 25 तारीख तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध करा दी जाये, जिससे भुगतान में अनावश्यक देरी की स्थिति में लोगों को असुविधा ना हो।
बैठक में मनरेगा के माध्यम से बनने वाले अतिरिक्त शेड की समीक्षा की गयी तथा निर्माणाधीन गौशालाओं के कार्यों को भी समीक्षा की गई और निर्देश दिये कि जो गौशालाओं पूर्ण हो गई हैं उनकी गुणवत्ता की जांच टीम बनाकर करायी जाए तथा उनको हैंडओवर की कार्रवाई भी की जाए।
बैठक में निर्देश दिये गए कि चारागाह की भूमि के चिन्हाकन करने हेतु जिलाधिकारी के स्तर से उप जिलाधिकारी को पत्र लिखवाया जाये, प्रधान/सचिव व लेखपाल की टीम बनवाकर यह कार्य करवाया जाए और चिन्हित भूमि पर बोर्ड लगा दिया जाये, जिससे लोगों को जानकारी रहे कि उक्त भूमि चारागाह की है।
गौशालाओं को जाने वाले मार्ग को दुरस्त कराने के भी निर्देश दिये गए।
बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि गौशालाओं के गोबर की बिक्री कर उस धनराशि से पराली का क्रय कि जा सकती है, ऐसे आदेश विभाग द्वारा दिए गए हैं। अतः आवश्यकतानुसार पराली क्रय की जाये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी देवयानी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, परियोजना निदेशक डीआरडीए, डीसी मनरेगा, जिला पंचायत राज अधिकारी, क्षेत्रीय वनाधिकारी, समस्त पशु चिकित्सा अधिकारी, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, पशु चिकित्सा कल्याण अधिकारी नगर निगम एवं अधिसाशी अधिकारी सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

