धर्मलाइफस्टाइल

Diwali 2023: दिवाली आज, ये है लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

Diwali 2023 Puja Shubh Muhurat: आज दिवाली का पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है। दिवाली की रात को सर्वार्थ सिद्धि की रात माना जाता है। दिवाली पर शुभ मुहूर्त में पूजन करने से जीवन खुशियों से भर जाता है। लक्ष्मी-गणेश जी की कृपा बनी रहेगी।
दीपावली हिन्दू धर्म का प्रमुख पर्व है। दीपावली रोशनी, उल्लास और शुभकामनाओं का प्रतीक है। दिवाली की रात लक्ष्मी-गणेश पूजन का अधिक महत्व माना गया है। मान्यता है कि अगर सच्चे मन और विधि विधान से पूजा करते हैं, तो देवी मां लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश प्रसन्न रहेंगे। पूरा साल अच्छा बीतेगा और लक्ष्मी-गणेश की कृपा बनी रहेगी।

दिवाली 2023 पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali 2023 Puja Muhurat)

दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त आज 12 नवंबर की शाम 5. 40 मिनट से लेकर 7.36 तक है। लक्ष्मी पूजा के लिए महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11.39 मिनट से मध्यरात्रि 12. 31 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।

दिवाली पूजा सामान लिस्ट (Diwali 2023 Puja Samagri List)

मां लक्ष्मी, गणेश, माता सरस्वती और कुबेर देव की मूर्ति। अक्षत्, लाल फूल, कमल और गुलाब फूल, सिंदूर, कुमकुम, रोली, चंदन। केसर, पान का पत्ता और सुपारी, कमलगट्टा,फल, धान का लावा, पीली कौड़ियां, मिठाई, बताशा, मोदक, खीर, पंच मेवा, लड्डू, इत्र,
शहद, दूध, गंगाजल, तेल, दही, कलावा, शुद्ध घी, पंच पल्लव, सप्तधान्य, कलश, मिट्टी का दिया, पीतल का दीपक, रुई बत्ती, धनिया, नारियल, लक्ष्मी और गणेश के सोने या चांदी के सिक्के, आसन के लिए लाल या पीला कपड़ा, आम के पत्ते, लकड़ी की चौकी, इलायची, लौंग, दूर्वा आदि।

दिवाली 2023 पूजा की विधि (Diwali Puja Vidhi 2023)

दिवाली पर पूजा करने से पहले पूजा स्थान को साफ करें। एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। चौकी पर बीच में मुट्ठी भर अनाज को रखें। कलश को अनाज के बीच में रखें। इसके बाद कलश में पानी भरकर सुपारी, गेंदा फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें। बीच में देवी लक्ष्मी मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश मूर्ति रखें। एक छोटी-सी थाली में चावल दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं।

हल्दी से कमल का फूल बनाएं। सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें। इसके बाद व्यापार/लेखा पुस्तक और धन/व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को सामने रखें। इसके बाद देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक जलाएं। इसके बाद सभी पूजन सामग्री को देवी लक्ष्मी और गणेश को अर्पित करें। अंत में लक्ष्मी गणेश जी की आरती करें।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------