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डोभाल ने पुतिन के सामने बैठकर दिया PM मोदी का मैसेज, बताया जेलेंस्की से मीटिंग में क्या-क्या हुआ था

मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अगले महीने कजान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव रखा है. गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात के दौरान पुतिन ने यह प्रस्ताव रखा. पुतिन-डोभाल की बैठक मोदी द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव की यात्रा और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता के लगभग तीन सप्ताह बाद हुई. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22-24 अक्टूबर को रूस के शहर कजान में आयोजित किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी इस शिखर सम्मेलन में भाग ले सकते हैं.

पुतिन के साथ हुई आमने-सामने की बातचीत में डोभाल रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कहते हैं ‘जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आपसे टेलीफोन पर बातचीत की थी, वह आपको अपनी यूक्रेन यात्रा और राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ हुई मुलाकात के बारे में जानकारी देने के लिए उत्सुक थे. वह चाहते थे कि मैं पर्सनली और स्पेशली रूस जाकर आपसे मिलूं और आपको उस बातचीत के बारे में बताऊं.बातचीत बहुत क्लोज फॉर्मेट में हुई. इसमें केवल दो नेता थे. उनके साथ उनके दो लोग थे. मैं प्रधानमंत्री के साथ था. मैं इस बातचीत का साक्षी हूं.’

पुतिन-डोभाल की मुलाकात को लेकर रूस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि रूसी राष्ट्रपति ने भारतीय नेता की मॉस्को यात्रा के दौरान हुए समझौतों के क्रियान्वयन पर ‘‘संयुक्त कार्यों के परिणामों का सारांश’’ प्रस्तुत करने तथा निकट भविष्य की संभावनाओं की रूपरेखा तैयार करने के लिए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अवसर पर 22 अक्टूबर को मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव रखा.

इस दौरान पुतिन ने कहा, “मुझे अच्छी तरह याद है, जैसा कि मैंने पहले ही हमारी आम बैठक में कहा था, पीएम मोदी की मास्को यात्रा न केवल बहुत सफल रही, बल्कि इसके परिणामों के बाद शुरू किया गया कार्य भी बहुत सार्थक है और ठीक उसी गति से हो रहा है जिस पर हमने प्रधानमंत्री के साथ सहमति व्यक्त की थी. हमारी विशेष विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी शानदार और मजबूत तरीके से आगे बढ़ रही है, जिसे लेकर हमें खुशी है”

रूसी मीडिया ने डोभाल के साथ बैठक में पुतिन के बयानों के हवाले से कहा, ‘‘हम अपने अच्छे दोस्त मोदी का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें शुभकामनाएं.’’ एनएसए ने बुधवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु के साथ व्यापक बातचीत की और ‘परस्पर हितों’ के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. जेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत में मोदी ने कहा था कि यूक्रेन और रूस दोनों को युद्ध को समाप्त करने के लिए बिना समय बर्बाद किए एक साथ बैठना चाहिए और भारत इस क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए ‘सक्रिय भूमिका’ निभाने के लिए तैयार है.

मोदी की यूक्रेन की लगभग नौ घंटे की यात्रा, 1991 में उस देश की स्वतंत्रता के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। यह मॉस्को में पुतिन के साथ उनकी शिखर वार्ता के छह सप्ताह बाद हुई.

 

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