उत्तर प्रदेशराज्य

कानपुर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर ठगे आठ लाख: खुद को CBI अधिकारी बताकर ऐसे बनाया शिकार

कानपुर – काकादेव थाना क्षेत्र में रहने वाली एक विधवा महिला को साइबर अपराधियों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर आठ लाख रुपये की ठगी का शिकार बना लिया। आरोपियों ने मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप लगाकर महिला को अरेस्ट वारंट का डर दिखाया और केस से मुक्त कराने के बहाने पैसे ऐंठ लिए। पीड़िता ने साइबर सेल थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

इस तरह हुआ डिजिटल ठगी का शिकार

सर्वोदय नगर, निहारिका अपार्टमेंट की निवासी निशि सचदेवा के पति का निधन हो चुका है। 10 फरवरी को उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को TRAI विभाग का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके नाम पर किसी ने सिम कार्ड खरीदा है, जिससे आपत्तिजनक मैसेज भेजे जा रहे हैं। जब निशि ने बताया कि वह स्कूल में हैं, तो कॉलर ने खुद को CBI अधिकारी बताते हुए कहा कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में दर्ज हो गया है और उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया जा चुका है।

डराकर ऐंठ लिए लाखों रुपये

पीड़िता के मुताबिक, साइबर ठग ने कहा कि अगर वह केस से बचना चाहती हैं, तो उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जाएगा और बाद में बेल मिल जाएगी। आरोपी ने महिला को व्हाट्सएप पर लगातार संपर्क में रखा और 11 फरवरी को पहले एक लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। फिर 14 फरवरी को सात लाख रुपये और आरटीजीएस के जरिए मंगवा लिए। कुछ दिनों बाद जब कोई अपडेट नहीं मिला, तब निशि को ठगी का एहसास हुआ।

मामले की जांच जारी

पीड़िता ने तुरंत साइबर सेल थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में साइबर थाना इंस्पेक्टर सुनील वर्मा ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस आरोपियों की पहचान और उनकी लोकेशन ट्रेस करने में जुटी हुई है।

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