“इमरजेंसी की कहानी हर पीढ़ी तक पहुँचनी चाहिए, ताकि इतिहास से सीख मिल सके”: श्रेयस तलपड़े
1. भारतीय इतिहास का यह अध्याय बेहद अहम् और संवेदनशील है। आपको क्यों लगता है कि इमरजेंसी की कहानी हर पीढ़ी को सुनाई जानी चाहिए?
मेरा मानना है कि इमरजेंसी की कहानी हर पीढ़ी को जाननी चाहिए। यह सिर्फ अतीत का कोई वाकया नहीं है। जिन्होंने इसे झेला, उनके लिए यह अब भी एक जीती-जागती याद है, लेकिन नई पीढ़ी इसके बारे में लगभग कुछ नहीं जानती। इस फिल्म के ज़रिए उन्हें असलियत देखने का मौका मिलेगा। उन्हें उस दौर की मुश्किलें समझने का और यह भी सीखने का मौका मिलेगा कि ऐसी गलती दोबारा कभी नहीं होनी चाहिए। यही इतिहास से मिलने वाली सबसे बड़ी सीख है।

2. आपने अटल बिहारी वाजपेयी जैसे बड़े और सम्मानित नेता का किरदार निभाया। इसमें कंगना रनौत ने आपकी किस तरह मदद की?

अटल जी का किरदार निभाना मेरे लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी, क्योंकि वे ऐसे नेता हैं, जिन्हें हर कोई बेहद सम्मान देता है। ज़्यादातर लोग उन्हें सिर्फ 90 के दशक और 2000 के दशक के प्रधानमंत्री के तौर पर याद करते हैं, लेकिन उनके शुरुआती दिनों और इमरजेंसी के दौरान उनकी भूमिका के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। कंगना ने इस दौर पर गहरी रिसर्च की थी और उन्होंने मेरे साथ अटल जी के भाषण, उनका बोलने का अंदाज, यहाँ तक कि उनकी छोटी-छोटी बारीकियाँ भी साझा कीं। उस मार्गदर्शन की वजह से मैं अटल जी का वह रूप सामने ला पाया, जो लोगों ने पहले कभी नहीं देखा होगा।
तो देखना न भूलें 12 सितंबर को रात 8 बजे ज़ी सिनेमा पर इस भावपूर्ण कहानी और इससे मिलने वाले संदेश को, जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक है।
