वाराणसी में विदेशी मेहमानों का जमावड़ा
वाराणसी। काशी, जहां हर गली में इतिहास बसा है, जहां हर घाट का अपना एक अलग महत्व है। मोक्षदायिनी गंगा के तट पर बसे इस पवित्र नगर में अस्सी घाट अपनी भव्य आरती के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। बीते दिनों अस्सी घाट पर मां गंगा की महाआरती का अलौकिक दृश्य देखने के लिए भारी संख्या में विदेशी सैलानियों का जमावड़ा लगा। भारत की सनातन परंपरा और आध्यात्मिक आस्था के इस अनूठे संगम को देखने के लिए विदेशी पर्यटक भाव-विभोर नजर आए। उन्होंने न केवल श्रद्धाभाव से आरती देखी, बल्कि अपने मोबाइल कैमरों में इन अविस्मरणीय पलों को कैद भी किया।
काशी के घाटों का अपना अलग ही महत्व है—हरिश्चंद्र घाट और मणिकर्णिका घाट जहां मोक्ष के लिए प्रसिद्ध हैं, वहीं अस्सी घाट मां गंगा की आरती के लिए श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां हर दिन सूर्यास्त के समय होने वाली महाआरती का अद्भुत नजारा देखने के लिए देश-विदेश से भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है।
विदेशी पर्यटक काशी की इस आध्यात्मिक विरासत से अभिभूत नजर आए। कुछ ने धूप-दीप जलाकर गंगा मां को प्रणाम किया, तो कुछ ने मंत्रों की गूंज के साथ हाथ जोड़कर आस्था प्रकट की। वाराणसी, जिसे पूरी दुनिया मोक्ष नगरी के रूप में जानती है, वहां का यह दृश्य भारतीय संस्कृति और परंपराओं की वैश्विक लोकप्रियता को और मजबूत करता दिखा।
“हर हर गंगे!” के जयघोष के साथ गंगा तट पर भक्तिभाव का अद्भुत नजारा देखने को मिला। काशी की यह आरती न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह आत्मा को शांति देने वाला एक आध्यात्मिक अनुभव भी है।