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बुलेट ट्रेन, एक्सप्रेस-वे से लेकर हवाई नेटवर्क तक, झारखंड की तस्वीर बदलने वाली केंद्र की बड़ी योजनाएं

केंद्र सरकार ने बीते एक दशक में वन संपदा और खनिज से भरपूर झारखंड के विकास पर फोकस किया है। केंद्र की महत्वाकांक्षी के प्रोजेक्ट्स का प्रदेश में अब असर भी दिखने लगा है। झारखंड अब देशभर के प्रमुख शहरों से सीधे जुड़ चुका है। पीएम मोदी ने पिछले रविवार को एक और बड़े प्रोजेक्ट सीमी- हाई-स्पीड ट्रेन के नेटवर्क विस्तार का लोकार्पण किया। अब वंदे भारत ट्रेनों का विस्तार टाटानगर तक किया जा चुका है। केंद्र ने इसके अलावा झारखंड के प्रमुख स्थलों, धार्मिक और पर्यटन के साथ इंडस्ट्रियल क्षेत्र की रेल, रोड और हवाई कनेक्टिविटी पर फोकस किया है।

बीते एक दशक में केंद्र ने झारखंड में कई प्रोजेक्ट्स पूरे किए। जबकि कई बड़े प्रोजेक्ट्स अभी काम चल रहा है। रविवार को पीएम मोदी ने सेमी हाईस्पीड रेल नेटवर्क का विस्तार करते हुए तीन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। पीएम ने रेल नेटवर्क का विकास करते हुए टाटानगर तक बुलेट ट्रेनों का वर्चुअल उद्घाटन किया। नए मार्ग-टाटानगर-पटना, देवघर-वाराणसी, और टाटानगर-बेरहामपुर-अंतर-राज्य और अंतर-राज्य कनेक्टिविटी में काफी सुधार करेंगे।

टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस सप्ताह में छह दिन चलकर लगभग सात घंटे में यात्रा तय करने वाली है। देवघर-वाराणसी मार्ग, दो प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ने से, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और झारखंड के रेल बुनियादी ढांचे में वृद्धि होगी।

मोदी प्रशासन ने बुनियादी ढांचे के विकास, झारखंड के आर्थिक परिदृश्य को नया आकार देने और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर कनेक्टिविटी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है।

रेलवे कनेक्टिविटी पर फोकस
मोदी सरकार ने रांची-पटना और रांची-हावड़ा जैसे मार्गों पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरूआत के चलते यात्रा का समय काफी कम हो गया है। इसके अलावा रांची-लोहरदगा-टोरी रेलवे लाइन नवीकरण और विद्युतीकरण जैसी परियोजनाओं से माल ढुलाई और यात्री दक्षता में सुधार हुआ है। अमृत ​​भारत स्टेशन योजना के तहत महत्वपूर्ण लाइनों के दोहरीकरण और स्टेशनों के आधुनिकीकरण ने लॉजिस्टिक्स और ट्रांजिट हब के रूप में झारखंड के भविष्य की नींव रखी गई है।

हवाई यात्रा में सुधार
देवघर एयरपोर्ट की शुरुआत के बाद झारखंड में हवाई यातायात के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। इसकी शुरुआत पीएम मोदी ने वर्ष 2022 में की थी। इस एयरपोर्ट की शुरुआत के साथ बाबा बैद्यनाथ धाम आने वाले धार्मिक पर्यटकों की सेवा करने से पर्यटन और स्थानीय व्यवसायों को भी बढ़ावा मिल रहा है। केंद्र ने भविष्य में बोकारो और दुमका हवाई अड्डे के प्रोजेक्ट की शुरुआत की तैयारी की है। जिसके जरिए प्रदेश में हवाई यातायात को मजबूती मिलेगी।

औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा
बोकारो और बरही में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट स्थानीय ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अहम कड़ी साबित हो रहे हैं। सिंदरी नैनो यूरिया संयंत्र यूरिया आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने के लिए अहम है। यह संयंत्र झारखंड और आसपास के राज्यों में किसानों को किफायती उर्वरक उपलब्ध कराता है। झारखंड को पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर जैसे बड़े ढांचे में भी एकीकृत किया गया है।

शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार
मोदी सरकार ने झारखंड के सामाजिक बुनियादी ढांचे, खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया है। वंचित समुदायों के लिए शैक्षिक परिणामों में सुधार लाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा फ्री आवासीय स्कूली शिक्षा की दिशा में भी केंद्र ने अहम कदम उठाए हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एम्स देवघर एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना के जरिए प्रदेश को लाखों लोगों के स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं।

वन इंडिया से साभार

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