Friday, October 11, 2024
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झारखंड में क्यों उठी बदलाव की मांग? BJP ‘परिवर्तन यात्रा’ के जरिए करेगी हेमंत सरकार का पर्दाफाश

Jharkhand BJP Parivartan Yatra: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) हेमंत सोरेन की सरकार के खिलाफ ‘परिवर्तन यात्रा’ शुरू करने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह साहिबगंज के भोगनाडीह से ‘परिवर्तन यात्रा’ की शुरुआत आज यानी 20 सितंबर से करेंगे। झारखंड में भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ 20 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगी।

भाजपा की मांग है कि झामुमो-कांग्रेस के गठगबंधन वाली इस भ्रष्ट और जन विरोधी सरकार से झारखंड वासियों को मुक्ति मिलनी चाहिए। भाजपा इस ‘परिवर्तन यात्रा’ के जरिए हेमंत सोरेन की सरकार के कामों की कमियां जन-जन तक पहुंचाएगी। भाजपा इस ‘परिवर्तन यात्रा’ के जरिए जेएमएम की सरकार का पर्दाफाश करने को तैयार हैं। भाजपा ने नारा दिया है कि ‘न सहेंगे न कहेंगे, बदलकर रहेंगे’

क्या है भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’?

अमित शाह साहेबगंज में भारतीय जनता पार्टी की ‘परिवर्तन यात्रा’ को हरी झंडी दिखाएंगे। विपक्षी भाजपा झारखंड के विभिन्न संभागों में छह ‘परिवर्तन यात्राएं’ शुरू करेगी, जिसका लक्ष्य झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की विफलताओं को उजागर करना और आगामी विधानसभा चुनावों में इसे उखाड़ फेंकना है।

भाजपा की ‘परिवर्तन यात्राएं’ 24 जिलों के सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में 5,400 किलोमीटर की यात्रा करेगी। यात्रा 20 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगी, जिनमें से प्रत्येक यात्रा विभिन्न संगठनात्मक प्रभागों से अलग-अलग तिथियों पर निकलेगी।

झारखंड में पांच आधिकारिक संभाग हैं- संथाल परगना, पलामू, उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर और कोल्हान- जबकि उत्तरी छोटानागपुर को संगठनात्मक उद्देश्यों के लिए और विभाजित किया गया है। इन सभी संभागों में भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ जाएगी।

भाजपा ने सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर जानकारी दी है कि झामुमो-कांग्रेस की सरकार ने झारखंड की जनता को खून के आंसू रोने पर मजबूर कर दिया है। दलाल-माफिया और भ्रष्ट अफसर, घुसपैठियों के तुष्टिकरण में लीन परिवारवादी ताकतों के साथ मिलकर हमारी रोटी-बेटी-माटी की लूट मचा रहे हैं।

भाजपा ने कहा है, ”प्रत्येक प्रदेशवासी के दिल में परिवर्तन की लहर गूंज उठी है। जन-आकांक्षाओं की आश बनकर भाजपा, परिवर्तन रैली के जरिए हर प्रखंड, हर घर, हर परिवार तक पहुंचेगी। हम हर एक झारखंडवासी को आश्वस्त करते हैं कि रोटी-बेटी-माटी को बचाने का एक ही विकल्प है, भाजपा।” भाजपा ने प्रदेशवासियों से परिवर्तन का हिस्सा बनने की गुजारिश की है।

भाजपा इन मुद्दों पर चाहती है झारखंड में सत्ता परिवर्तन?

भाजपा ‘परिवर्तन यात्रा’ सिर्फ एक राजनीतिक अभियान नहीं है, यह झारखंड में सार्थक बदलाव लाने की प्रतिबद्धता को दिखाती है। इस पहल के जरिए पार्टी का लक्ष्य विकास, रोजगार और सामाजिक सद्भाव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करना है, ताकि राज्य और उसके नागरिकों के लिए एक उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो सके।

परिवारवाद से मुक्ति के लिए

सोरेन परिवार हमेशा से झारखंड में सत्ता से चिपके रहना चाहती है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के 1973 में स्थापना होने के बाद से उस पर कई बार परिवारवाद, भाई-भतीजावाद और विश्वासघात के आरोप लगते रहे हैं। सोरेन परिवार पर आरोप है कि वो झारखंड की राजनीति में परिवारवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।

कुछ महीने पहले ही जेल से बाहर आने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने जिस तरह से अपनी ही पार्टी के दिग्गज नेता चम्पाई सोरेन से सत्ता छीनी उसने परिवारवाद के आरोपों को और गहरा कर दिया है। चम्पाई दरकिनार होने के बाद भाजपा में आ गए हैं। चम्पाई के दरकिनार किए जाने से जेएमएम के भीतर भाई-भतीजावाद की बात सामने आने लगी है। भाजपा प्रदेशवासियों को इसी परिवारवाद की राजनीति से बचाना चाहती है।

भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए

भाजपा का कहना है कि हेमंत सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है। भाजपा ने कहा है कि झारखंड में करप्शन के स्लीपर सेल का इंचार्ज कोई और नहीं बल्कि खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं। आए दिन झारखंड के हर स्कीम में घोटाले बाजी और लापरवाही की खबरें सामने आती रहती है।

झारखंड में जब से 2019 में हेमंत सोरेन ने राज्य की सत्ता संभाली, तब से भ्रष्टाचार और घोटाले बाजी की खबरें सुनने में आ रही है। चाहे फिर वो 2022 में झारखंड में पदस्थापित आईएएस पूजा सिंघल के करीबी चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के घर से ईडी का 17 करोड़ रुपये बरामद करना हो या फिर मई 2024 में झारखंड प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल के नौकर के घर से ईडी का 35 करोड़ रुपये बरामद करना हो।

ऐसे कई मौके आए जब हेमंत की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जैसे कांग्रेस कोटे से राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों से आयकर विभाग की छापेमारी में 350 करोड़ से अधिक नकद बरामद होना, फरवरी 2023 में ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के ठिकानों से डेढ़ करोड़ से अधिक के जेवरात जब्त किए थे। इनपर 2019 के विधानसभा चुनाव में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप लगा था।

हद तो तब हो गई जब खुद सीएम हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले में जेल जाना पड़ा। हेमंत सोरेन पर सेना की जमीन का मालिकाना हक हथियाने का आरोप लगा है। ईडी का दावा है कि उन्होंने भारतीय सेना के स्वामित्व वाली भूमि को अवैध रूप से बेचकर “अपराध की आय” के माध्यम से संपत्ति खरीदी है।

अपराधियों/भ्रष्टाचारियों से दंड के लिए

भाजपा का कहना है कि राज्य में अपराधी और भ्रष्टाचारी खुलेआम घूम रहे हैं, जिनके खिलाफ हेमंत सोरेन की सरकार कार्रवाई करने से बच रही है। भाजपा ने कहा है कि वो सत्ता में आते ही सबसे पहले राज्य के अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाने का काम करेंगे।

आदिवासियों के उत्थान के लिए

भाजपा का आरोप है कि जो हेमंत सोरेन आदिवासियों के नाम पर वोट लेकर सत्ता में आए थे, अब वो ही आदिवासियों के उत्थान और विकास को नजर अंदाज कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर बाबूलाल मरांडी और चम्पाई सोरेन जैसे नेताओं ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी समुदाय के लिए खतरा हैं। लेकिन वोटबैंक की राजनीति के लिए हेमंत सोरेन सरकार ने चुप्पी साधी रखी हुई है। भाजपा ने कहा है कि आदिवासियों के उत्थान के लिए हेमंत सरकार को उखाड़ फेंकना होगा।

उद्योग/इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए

भाजपा का कहना है कि हेमंत सोरेन की सरकार ने उद्योग और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में कोई खास काम नहीं किया है। भाजपा का दावा है कि झारखंड में शहरों के विकास और बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सिर्फ करोड़ों का फंड जारी किया गया है लेकिन जमीनी हकीकत में उसपर काम कुछ नहीं हुआ है। भाजपा ने हेमंत की सरकार से सवाल किया है कि वो बताए कि उन्होंने राज्य में कितने नए उद्योग लगवाएं हैं? और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर उन्होंने क्या काम किया है?

रोजगार, आर्थिक विकास के लिए

भाजपा रोजगार और आर्थिक विकास के मुद्दों को लेकर हेमंत की सरकार पर सबसे ज्यादा हावी है। हेमंत सोरेन ने सत्ता में आते ही वादा किया था कि वो 5 लाख नौकरी देंगे। लेकिन सच्चाई ये है कि झारखंड के युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। चुनाव आते ही हेमंत सरकार रोजगार देने की रेस में लगी है लेकिन उसमें भी लापरवाही ही दिख रही है। हाल ही में सिपाही भर्ती के लिए हो रही दौड़ में 12 युवकों की दर्दनाक मौत हो गई।

चुनावी मौसम देखते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अगस्त 2024 में इस साल अक्टूबर तक 35,000 पदों पर भर्तियां पूरी करने का वादा किया था। हालांकि इस वादे का पूरा हो पाना नामुकिन सा लगता है।

अगर आर्थिक विकास की बात करें तो देश के कुल खनिज का 40 फीसदी झारखंड में है लेकिन फिर भी आर्थिक विकास में बाकी अन्य राज्यों से काफी पिछड़ा हुआ है। एक डेटा के मुताबिक झारखंड प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश के प्रति व्यक्ति आय से 40 फीसदी कम है। प्रति व्यक्ति आय में झारखंड 25वें स्थान पर है।

झारखंड की अस्मिता बचाने के लिए

भाजपा का कहना है कि झारखंड की अस्मिता हेमंत सरकार में खतरे में है। झारखंड की अस्मिता बचाने के लिए राज्य में सत्ता में बदलाव जरूरी है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि हेमंत सोरेन अब मुस्लिम सोरेन हो गए हैं और JMM झारखंड मुस्लिम मोर्चा हो गया है।

झारखंड में आदिवासी की घटती आबादी एक गंभीर मुद्दा है। झारखंड में आदिवासी की आबादी 44 फीसदी के आसपास थी, जो आज घटकर सिर्फ 28 फीसदी हो गई है। भाजपा का आरोप है कि हेमंत सोरेन ने खुलेआम घुसपैठियों को छूट दे रखी है।

चम्पाई सोरेन ने भी कहा है कि जब हम नहीं बचेंगे, परिवार नहीं बचेंगे तो, झारखंड में आदिवासी नेता कहां से आएंगे? मुस्लिम हमारी बेटियों से शादी कर रहे हैं और हेमंत सोरेन चुप्पी साधे रखे हैं। वोट के लिए आदिवासी की अस्मिता खतरे में है।

भाजपा की ये ‘परिवर्तन यात्रा’ चुनाव में उनकी पकड़ करेगी मजबूत!

भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ का उद्देश्य झारखंड में बदलाव की लहर लाना है, जिससे राज्य में संभावित बदलावों के बारे में व्यापक जिज्ञासा पैदा हो। इस पहल का उद्देश्य विभिन्न स्थानीय मुद्दों और चिंताओं को संबोधित करना है, ऐसे समाधान प्रस्तावित करना है जो झारखंड के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से बदल सकें।

इस यात्रा का एक मुख्य उद्देश्य झारखंड के निवासियों से सीधे जुड़ना, उनकी जरूरतों और शिकायतों को समझना है। ऐसा करके, भाजपा ऐसी नीतियों को लागू करना चाहती है जो लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप हों, जिससे मतदाताओं के साथ एक मजबूत संबंध विकसित हो। इस जमीनी दृष्टिकोण से शासन के अधिक समावेशी और सहभागी स्वरूप की नींव रखने की उम्मीद है।

वन इंडिया से साभार

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