मखाना बोर्ड से लेकर नई तकनीकी संस्थाओं तक….बिहार के लिए सौगातों की बरसात
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेंद्र मोदी सरकार का बजट 2025 संसद में पेश करते हुए बिहार के विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। मंत्री ने बजट भाषण में बताया कि बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी, जिससे मखाना उत्पादन करने वाले किसानों को प्रशिक्षण प्रदान कर कृषि के संवर्द्धन में तेजी लाई जाएगी।
कृषि और खाद्य प्रौद्योगिकी में सुधार
वित्त मंत्री ने बताया कि मखाना बोर्ड की स्थापना से किसानों को बेहतर तकनीकी और प्रबंधन प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे मखाना उत्पादन में वृद्धि होगी। साथ ही, बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रोद्योगिकी उद्यमशिलता और प्रबंधन संस्थान (फूड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट) की भी स्थापना की जाएगी, जिसका उद्देश्य पूर्वी क्षेत्र में खाद्य संस्करण के कार्यों को गति प्रदान करना है। इस पहल से किसानों की आय में सुधार और युवाओं को कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
शैक्षिक और बुनियादी ढांचे में निवेश
बजट में आईआईटी पटना में छात्रावास की क्षमता बढ़ाने का भी प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार के इस बजट से बिहार में बड़े पैमाने पर विकास की आशाएं जुड़ी हुई हैं, खासकर जब राज्य में इस वर्ष विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी जोर पकड़ रही हैं।
राज्य की मांगों पर केंद्र सरकार की नज़र
हाल ही में राज्यों के साथ हुए वित्त मंत्री की बैठक में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने अतिरिक्त विशेष आर्थिक सहायता, नए एक्सप्रेसवे और हाई स्पीड कॉरिडोर समेत कई मांगों को लिखित रूप में प्रस्तुत किया था। वहीं, बिहार में नई रेलवे लाइन और जल परिवहन से संबंधित घोषणाओं की भी उम्मीद जताई जा रही है। नीतीश सरकार के मंत्री सुमित कुमार सिंह ने यह भी कहा कि राज्य में नए आईआईटी और एनआईटी जैसे तकनीकी शिक्षण संस्थानों की घोषणा की जानी चाहिए, साथ ही हवाई सेवा में विस्तार हेतु नए एयरपोर्ट्स के उद्घाटन की भी संभावना है।
बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पहनी गई साड़ी पर मिथिला पेंटिंग का उल्लेख करते हुए खबरों में यह चर्चा हो रही है कि इस विशेष डिजाइन से संकेत मिलता है कि बजट भाषण में बिहार पर विशेष फोकस किया जा सकता है। केंद्र सरकार के इन पहलों से बिहार में विकास के नए आयाम खुलने की संभावना जताई जा रही है, जिससे राज्य के आर्थिक और शैक्षिक ढांचे में सुधार की उम्मीद है।