उत्तर प्रदेश

रूहेलहंड विश्वविद्यालय में स्वर्ण जयंती पर नेविगेटिंग क्रिमिनल लॉ रिफॉर्म इन इंडिया शीर्षक पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन

बरेली , 28 जुलाई । महात्मा ज्योतिबा फूले रूहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के अटल सभागार में कल तीन नये आपराधिक कानूनों पर कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वल कर किया गया। छात्राओं द्वारा माता के समक्ष सरस्वती वंदना का गायन किया गया विश्वविद्यालय के शिक्षकों अधिकारियों द्वारा मुख्य अतिथि व अन्य अतिथि वक्ताओं का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया । कार्यक्रम का आयोजन डॉ भीमराव अंबेडकर पुलिस अकादमी मुरादाबाद के सहयोग से किया गया।

कॉन्फ्रेंस की शुरुआत डॉ. अमित सिंह के स्वागत भाषण से हुई। डॉ. सिंह ने बताया कि न्याय प्रणाली का संबंध सुशासन से है। स्वस्थ न्याय प्रणाली सुशासन को सुनिश्चित करती है। नए कानून अव्यवहारिक विधियों को बदलने की ठोस प्रक्रिया का एक हिस्सा है।

इसी के बाद मुख्य वक्ता श्री रमित शर्मा, ए. डी. जी. जोन, बरेली, उत्तर प्रदेश द्वारा अपना उदबोधन प्रस्तुत किया गया श्री रमित शर्मा ने तीनों कानूनों की संरचना पर चर्चा करते हुए इसके दांडिक न होकर पीड़ित केंद्रित होने के बारे में बताया। आंकड़ों के माध्यम से उन्होंने समझाया कि पुराने कानूनों के तहत जघन्य मामलों में दोषसिद्धि अत्यंत ही कम रही है नए कानूनों के तहत यह संख्या सुधरेगी। नए कानूनों में लैंगिंग समानता का पूर्ण ध्यान रखा गया है। इनमें प्रौद्योगिकी के सुदृढ़ उपयोग का ध्यान रखा गया है। अपने भाषण में श्री शर्मा ने कानूनों के आलोचकों को केवल आलोचना मात्र के लिए आलोचना न कर विस्तृत विमर्श को कहा। श्री शर्मा ने नए कानूनों की मुख्य विशेषताओं पर विस्तृत चर्चा की। ई ट्रायल और ई परीक्षण के साथ साथ दंड प्रावधानों में हुए परिवर्तनों से श्रोताओं को अवगत कराया। कानूनों के लागू होने में आधारभूत ढांचे की आवश्यकता एवं वस्तुस्थिति से अवगत कराया और छात्रों को एक बेहतर कल में योगदान करने को कहा।

इसी क्रम में अतिथि श्री विनोद कुमार, जिला एवं सत्र न्यायालय, बरेली ने शून्य प्राथमिकी, त्वरित न्याय तथा नए कानूनों में जोड़े गए नए अपराधों पर चर्चा की। वक्ता श्री राजेश शुक्ला, सहायक शासकीय अधिवक्ता, बरेली
उत्तर प्रदेश ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 पर विस्तृत एवं सारगर्भित चर्चा की एवं उसके प्रावधानों को सरल रूप से समझाया।

विशिष्ट अतिथि माननीय न्यायाधीश श्री अरुण कुमार सिंह देशवाल, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने व्यवहारिक विधि को उद्बोधन का मुख्य भाग रखा। उन्होंने बताया कि मेडिकल जांच, साक्ष्य संकलन तथा निर्णय देने आदि में समय की बाध्यता को नए कानून सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने फोरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की ओर श्रोताओं का ध्यान खींचा साथ ही विभिन्न उपक्रमों यथा खोज और जब्ती के समय ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था की सराहना की।

मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति श्री सिद्धार्थ वर्मा इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने संक्षिप्त विचारण प्रक्रिया विधि के प्रावधानों की चर्चा की एवं रूहेलखंड विद्यालय के कुलपति के प्रयासों की चर्चा की। सामाजिक परिवर्तन के साथ में कानून को लागू करने और आने वाली कठिनाईयां उनके उद्बोधन का मुख्य विषय रहा है । उन्होंने कांफ्रेंस के उद्देश्यों को भी बताया।

तदुरांत माननीय कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह द्वारा विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को बताया गया। विश्वविद्यालय में चल रहे नवीन विधि और टेक्निकल कोर्सेज के बारे मे बताया । विश्वविद्यालय में इंडस्ट्रियल कोर्सेज के प्रारंभ करने , मिलिट्री साइंस के कोर्स शुरू किए जाने पर विचार व्यक्त किया। कॉन्फ्रेंस के बीच में क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें जीतने वाले छात्रों को पुरुस्कृत किया । कॉन्फ्रेंस‌ में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जिसके अंतर्गत विधि विभाग का प्रथम पुरस्कार मोहित सिंह, द्वितीय पुरस्कार प्रिया गोयल, तृतीय मोहित सागर को दिया गया। इसके अलावा सोशल साइंस डिपार्टमेंट से प्रथम श्रद्धा को द्वितीय दीपांशी उपाध्याय को तृतीय पुरस्कार अक्षिता को प्राप्त हुआ इसके अलावा वैशाली, राशि आदि विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में बरेली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मनोज हरित , प्रो शशि देवी शर्मा व डॉ अनू महाजन थी। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री संजीव कुमार सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। उपस्थित मुख्य अतिथि , मुख्य वक्ताओ , शिक्षकों , संचालन समिति के सदस्यों ,कर्मचारियों सभी लोगों का आभार प्रकट किया।

समारोह में डॉ अमित सिंह व स्कॉलर निधि शंकर की पुस्तक एक्सप्लोरिंग लीगल सेफगार्ड फॉर पर्सनैलिटी राइट्स इन द एरा ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विमोचन मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.ज्योति पांडेय द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अटल सभागार में लगभग 800 लोग उपस्थित थे जिनमें 100 पुलिस अधिकारीगण , विद्वान अधिवक्ता,प्रोफेसर ,शिक्षक शोधार्थी ,एलएलबी एलएलएम के छात्र एवं छात्राएं व अन्य विषयों के छात्र-छात्राएं कर्मचारी उपस्थित रहे । कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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