“GST बचत उत्सव: महंगाई पर वार, विकास को रफ़्तार”: डाॅ अनीता त्यागी

बरेली, 22 सितम्बर। “आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा घोषित GST सुधार एक लंबे समय से अपेक्षित सुधार है, जो आर्थिक सुगमता, उपभोक्ता राहत, और स्वदेशी उद्योगों को नई गति प्रदान करेगा l इस निर्णय से कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे जैसे उपभोक्ता पर बोझ कम होगा- दैनिक उपयोग की वस्तुओं- जैसे कि दवाइयां, शिक्षा सामग्री, खाद्य सामग्री आदि पर कर दरों में गिरावट होगी। इससे घरेलू बजट पर राहत मिलेगी और महंगाई की चोट कम होगी”, यह उदगार डाॅ अनीता त्यागी, विभागाध्यक्ष मानविकी विभाग एवं समन्वयक, बहुभाषा उत्कृष्ट केन्द्र रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने लखनऊ ट्रिब्यून से विशेष साक्षात्कार के दौरान व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि मध्य-वर्ग और निम्न- आय वर्ग को ‘दोहरा लाभ’ मिलेगा। आयकर में भी छूट और GST दरों में कटौती एक साथ लागू होने से सामान्य परिवारों की बचत बढ़ेगी। ‘GST बचत उत्सव’ के माध्यम से यह बदलाव सीधे लोगों की जेब को मजबूत करेगा।
MSMEs, दुकानदारों और स्थानीय उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, करों की व्यवस्था सरल होने, अप्रत्याशित शुल्कों और अनुपालन बोझ में कमी होने से छोटे-मझोले उद्योगों और व्यापारियों को काम करने की आज़ादी मिलेगी। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक गतिविधियाँ दोबारा गति से बढेगी l
इसके साथ ही मोदी जी ने ‘स्वदेशी’ उत्पादों को प्रोत्साहन देने की बहुत ही भावपूर्ण अपील भारतवासियों से की है। यह न केवल स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देगा बल्कि इससे निर्यात-क्षमता भी सुधरेगी। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक ठोस कदम साबित होगा । मुख्य सुधार और लाभ को इस प्रकार समझा जा सकता है:-
1. कर ढाँचे (Tax Structure) में सरलीकरण
चार दरों (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर मुख्यतः दो दरों (5% और 18%) का होना, कर अनुपालन को आसान बनाएगा। ट्रांसपोर्ट, इंट्रा-स्टेट व्यापार, चेकपॉइंट्स आदि की बाधाएँ घटेंगी। आर्थिक गतिशीलता और बाजारों की सुगमता में बढ़ोतरी होगी।
2. युवा और डिजिटल युग को लाभ
युवा वर्ग, छोटा-बड़ा व्यापार, ऑनलाइन खरीद-फरोख्त और ई-कॉमर्स व्यवसायों को नई GST दरों से अधित्तर अवसर मिलेंगे। इन सुधारों से नई नौकरियाँ, नई उद्योग शाखाएँ और उद्यमशीलता को बल मिलेगा।
3. विकसित भारत की ओर एक मील का पत्थर

ये सुधार सिर्फ कर दरों में परिवर्तन नहीं हैं, बल्कि सरकार की विकास दृष्टि, राष्ट्रीय उत्पादन, न्यायसंगत कर प्रणाली और नागरिकों की आर्थिक भागीदारी को बढ़ाने का प्रतीक हैं। इससे भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र की ओर तेजी से बढ़ेगा।
GST सुधार सिर्फ करों की दरों में कमी नहीं, बल्कि जनता को केंद्र में रखते हुए नीति-निर्माण की दिशा है। यह उपभोक्ता, दुकानदार, उद्योग और युवा, सबके लिए अवसरों का द्वार खोलता है। अगर अनुपालन सुनिश्चित हो और राज्यों-के बीच न्यायपूर्ण साझेदारी बनी रहे, तो यह सुधार अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और आम नागरिकों के जीवन में स्पष्ट सुधार लाएगा।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

