अगर लगातार आ रही है हिचकियां तो हो जाइए सतर्क, वरना फट सकती है दिमाग की नस!
नई दिल्ली। हर साल 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है। दिमाग की नस बंद होने या फटने पर स्ट्रोक आता है। इसकी वजह से कुछ वक्त के लिए या परमानेंट पैरालाइसिस हो सकता है। यह बीमारी इतनी घातक है कि कुछ ही देर में मरीज की जान भी जा सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं में स्ट्रोक के संकेत पुरुषों से अलग हो सकते हैं।
यशोदा हॉस्पिटल, हैदराबाद के सीनियर कंसल्टेंट न्यूरो सर्जन ने बताया कि हाल के अध्ययनों के अनुसार, महिलाओं में स्ट्रोक के लक्षण पुरुषों से अलग हो सकते हैं, जो कि रेगुलर संकेतों से अलग दिखते हैं। डॉ. के मुताबिक, इसकी वजह से महिलाओं को अचानक कमजोरी या सुस्ती का सामना करना पड़ सकता है, जिसका थकावट या नींद की कमी से कोई संबंध नहीं होता। यह लक्षण पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाया जाता है।
स्ट्रोक पड़ने पर दिखते हैं ये संकेत
खासतौर से शरीर के एक तरफ, चेहरे, बांह या पैर में सुन्नता या कमजोरी
बात करने में कठिनाई या समझने में कठिनाई
एक या दोनों आंखों से देखने में कठिनाई
चलने में परेशानी होना, बेचैनी महसूस होना या अपना संतुलन खोना
बिना किसी स्पष्ट कारण के गंभीर सिरदर्द
महिलाओं को हो सकती हैं ये दिक्कतें भी
हिचकी
जी मिचलाना
सीने में बेचैनी
थकान
सांस लेने में कठिनाई
तेज धड़कन
इससे अलग, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कमजोरी का अनुभव और कॉग्नीटिव डिस्फंक्शन ज्यादा देखा जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
वैज्ञानिकों का मानना है कि महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग अनुभव के पीछे हॉर्मोन कारण बन सकते हैं। महिलाओं का एस्ट्रोजन हॉर्मोन स्ट्रोक के खिलाफ सुरक्षा देने वाला देखा गया। ऐसा एस्ट्रोजन के एंटी इंफ्लामेटरी गुण की वजह से हो सकता है, जो ब्रेन डैमेज से बचाता है। साथ ही यह हॉर्मोन में ब्लड फ्लो बढ़ाता है, जिससे दिमाग को ऑक्सीजन से भरपूर खून मिलता है।
डॉक्टर ने बताया कि स्मोकिंग करने वाले हर पुरुष और महिला को स्ट्रोक का खतरा होता है। स्मोकिंग से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल गंभीर होते हैं, जो कि खतरा बढ़ाते हैं। वहीं, महिलाओं में इनके अलावा, प्रेगनेंसी, प्रीक्लेम्पसिया, कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स, माइग्रेन, असामान्य हार्टबीट खतरा बढ़ा देते हैं।