आईवीआरआई में आधुनिक सूकर पालन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ
बरेली, 09 सितम्बर। आईसीएआर- भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), इज्जतनगर में कल ओडिशा राज्य के पशु चिकित्सा अधिकारियों के लिए आधुनिक सूकर पालन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह क्षमता-विकास कार्यक्रम वेटरिनरी ऑफिसर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (वीओटीआई), ओडिशा सरकार द्वारा प्रायोजित है तथा आईवीआरआई के निदेशालय प्रसार शिक्षा एवं पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन (एलपीएम) अनुभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, आईवीआरआई की संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ. रुपसी तिवारी ने पूर्वी भारत में आय वृद्धि एवं पोषण सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक सूअर पालन के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने जैव सुरक्षा, जलवायु अनुकूल आवास, कल्याणकारी पद्धतियाँ एवं बाजार संपर्क जैसी जमीनी स्तर पर उपयोगी तकनीकों को अपनाने पर बल दिया जिससे पशु चिकित्सक प्रयोगशाला की जानकारी को सीधे किसानों तक पहुँचा सकें।
पाठ्यक्रम निदेशक एवं सूकर फार्म प्रभारी डॉ. अमित कुमार ने प्रशिक्षण की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसमें कक्षा-आधारित सत्रों के साथ-साथ आईवीआरआई के सूकर फार्म पर व्यावहारिक प्रशिक्षण को विशेष महत्व दिया गया है। उन्होंने फील्ड स्तर पर बधियाकरण तथा क्लासिकल स्वाइन फीवर (सीएसएफ) की आणविक पहचान की उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला।
एलपीएम अनुभाग प्रभारी डॉ. मुकेश सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रेष्ठ प्रबंधन पद्धतियों एवं किसानोन्मुखी प्रसार को मृत्यु दर कम करने एवं फीड कन्वर्ज़न सुधारने में अहम बताया।
प्रशिक्षण के स्वागत भाषण में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. हरिओम पांडे ने आधुनिक सूकर पालन की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए बताया कि यह पारंपरिक पद्धति से कैसे भिन्न है। उन्होंने वैज्ञानिक आधार पर प्रजनन, प्रिसिजन फीडिंग एवं राशन संतुलन, सुदृढ़ स्वास्थ्य एवं टीकाकरण प्रोटोकॉल, डिजिटल साधनों से अभिलेख प्रबंधन तथा अपशिष्ट को उपयोगी उत्पादों में बदलने जैसे उपायों को लाभकारी एवं टिकाऊ सूकर पालन के आधार स्तंभ बताया।
उद्घाटन सत्र के अंत में प्रतिभागियों ने अपने-अपने क्षेत्रीय अनुभव साझा किए। इसमें इनपुट उपलब्धता, रोग नियंत्रण एवं क्षेत्रीय चुनौतियों पर चर्चा हुई, जो आगामी दिनों में प्रशिक्षण की व्यवहारिक गतिविधियों की दिशा तय करेगी। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

