रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन
बरेली,16अगस्त। महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली में कल 79 वे स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में कुलपति प्रो. केपी सिंह द्वारा ध्वजारोहण किया गया। सामूहिक राष्ट्रगान के साथ तिरंगे गुब्बारे जो सद्भाव, सत्य, शांति ,बलिदान, पर्यावरण, प्रकृति के परिचायक रहे उनको आसमान में उड़ा कर राष्ट्र और विश्वविद्यालय को ऊंचाइयों की ओर अग्रसर होने की कामना की गई। इस अवसर पर कुलपति प्रो . के.पी.सिंह ने उद्बोधन में कहा कि स्वतंत्रता हमें यूं ही प्राप्त नहीं हो गई है हमारे देश के वीर जवानों ने देशभक्ति की भावना से युक्त होकर संघर्ष किया और तब हमें आजादी प्राप्त हुई। सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है जोर कितना बाजु ए कातिल में है इन्हीं पंक्तियों के साथ उन्होंने कहा कि देश के शहीदों का सपना था कि यदि हम प्रयास करेंगे तभी आजादी आएगी और जब आजादी आएगी तभी हमारा राष्ट्र आगे बढ़ पाएगा और उन्होंने अपना सपना अपने सार्थक प्रयासों के फल स्वरुप ही पूरा किया जिसकी वजह से आज हम आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं ।हमें अपने उन वीर जवानों और शहीदों को न केवल श्रद्धांजलि देनी है बल्कि यह भी याद रखना है कि उन्होंने हमारी आजादी के लिए क्या किया और क्यों किया ।यह स्वतंत्रता यूं ही प्राप्त नहीं हो गई है विभिन्न लड़ाइयां लड़ी गई, यातनाएं सही गई, बलिदान दिए गए और इस पूरे संघर्ष का एक ही उद्देश्य रहा कि हमारा हम आजाद हो। हम विकसित भारत के रूप में आगे बढ़े, राष्ट्रीय गौरव और महिलाओं का सम्मान बना रहे । हम समय-समय पर अपनी-अपने गुण और दोष का आकलन करते रहे, जिन क्षेत्रों में हमने कार्य किया है और सफलता हासिल की है वह तो हमारी उपलब्धियां है लेकिन जिन क्षेत्रों में अभी हमें काम करने हैं हमें उन क्षेत्रों की पहचान करनी होगी और उद्देश्यपरक दृष्टिकोण से उसे क्षेत्र में कार्य करना होगा ,तभी हम इस प्राप्त आजादी को जिसे अभी तक हमने 78 वर्षों तक जिया है आगे भी उपलब्धियां के साथ राष्ट्र गौरव को महसूस कर पाएंगे और विकसित भारत की जो तस्वीर खींची गई है उसे तस्वीर पर अपनी उपलब्धियां भी दर्ज करवा पाएंगे। सजग समृद्ध तथा विकसित देश के निर्माण के लिए हमें संतुष्ट होकर नहीं रहना है बल्कि गतिशीलता के साथ लगातार कार्य करना होगा ।यदि हम विकसित भारत की तस्वीर की बात करें तो 10 वर्ष पूर्व जीडीपी $2.1से बढ़ कर 4.3 ट्रिलियन डॉलर और विश्व चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित हो चुकी है ।वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत की दर से लगातार तेजी से बढ़ रही है।वर्तमान में साक्षरता दर में भी लगातार वृद्धि हुई है जो वर्ष 2001 में 46.8 प्रतिशत थी वहीं वर्ष 2024 में बढ़कर 80% हो गई है जो दर्शाता है कि हम सभी के शिक्षा के क्षेत्र में अग्रसर हो रहे हैं इसके साथ ही साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में देखें तो औसत आयु में भी वृद्धि हुई है और वह बढ़कर 72.03 वर्ष हो चुकी है । शिक्षित होने के बाद भारतवासी साक्षरता, स्वास्थ्य और सभी क्षेत्रों में आगे विकास की ओर बढ़ रहे हैं ।शिक्षा एवं कौशल विकास, स्किल इंडिया , नई शिक्षा नीति 2020, स्टार्टअप प्रोजेक्ट्स, मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट, जन धन योजना,आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत अभियान, वैज्ञानिक क्षेत्र में चंद्रयान, गगनयान न,NISAR के माध्यम से भी भारत वर्ष विकास की ओर बढ़ रहा है । समाज में महिलाओं को सम्मानजनक स्थान दिलाने हेतु ट्रिपल तलाक की व्यवस्था की समाप्ति, बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ अभियान ,उज्ज्वला योजना पीएम सोलर हाउस योजना आदि के माध्यम से भारतवासियों को विभिन्न प्रकार की सुख सुविधा प्रदान किया जाना इस बात को दर्शाता है कि न केवल शिक्षा , स्वास्थ्य ,महिला सशक्तिकरण ,पर्यावरण संरक्षण ,ऊर्जा संरक्षण आदि के क्षेत्र में सजगता बड़ी है । इसके माध्यम से निश्चित रूप से विकसित भारत @1047 का लक्ष्य अवश्य प्राप्त कर पाएंगे, यह इन सब का द्योतक है।
इसके साथ ही साथ हम उद्देश्य आधारित होकर एकजुट होकर कार्य करें तो निश्चित रूप से हम प्रगति पथ पर आगे बढ़ेंगे इस अवधि में विश्वविद्यालय द्वारा भी विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति हासिल की है जिसका श्रेय शिक्षकों ,कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को जाता है ।विश्वविद्यालय द्वारा अब तक शोधगंगा पर 10000 से अधिक थीसिस अपलोड की जा चुकी है । वर्तमान वर्ष में 200 से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन ,3200 से अधिक शोध छात्र, 500 से अधिक जेआरएफ, 2 करोड़ प्रतिमाह जेआरएफ को प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति ,वर्ष 2024 25 में 250 अधिक पीएचडी अवॉर्ड ,10000 से अधिक साइटेशन और इंडेक्स , सबसे अधिक पेटेंट फाइल जिसमें लगभग 25 पेटेंट्स का ग्रांट होना,159 का लाइसेंस तथा 160 से अधिक का पब्लिश हुए है इसके साथ ही साथ nirf ,naac,ugc कैटेगरी 1 शोध विश्वविद्यालय, विभिन्न रैंकिंग जिसमें QS रैंकिंग ,एशिया रैंकिंग, इंडिया टाइम रैंकिंग,Scimago राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय को पहचान दिलवा रहे हैं और प्रसन्नता का विषय यह है कि इस स्तर तक विश्वविद्यालय शिक्षको, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं के सहयोग से पहुंच पाया है। इस वर्ष विश्वविद्यालय में 40 से अधिक में कोर्सेज जिसमें डिग्री, डिप्लोमा , सर्टिफिकेट कोर्स खोले गए है और बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही साथ विद्यार्थियों को उचित शिक्षा संबंधी सुविधाएं प्रदान करने हेतु और भवन , संकाय निर्माण, हॉस्टल का निर्माण और रेनोवेशन, प्रयोगशाला विकास करने हेतु भारत सरकार द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट पीएम उषा की 100 करोड रुपए की ग्रांट के अंतर्गत किया जा रहा है । विद्यार्थियों शैक्षणिक एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करने हेतु विश्वविद्यालय लगातार प्रयासरत है। विभिन्न रैंकिंग में उच्च स्थान प्राप्त करने के कारण विभिन्न प्रकार की नई ग्रांट विश्वविद्यालय को प्राप्त हो रही है जिसमें अभी हाल में ही 10.3 करोड रुपए की ग्रांट विश्वविद्यालय को प्राप्त हुई है जिसके माध्यम से विश्वविद्यालय विकसित भारत@ 1047 के लक्ष्य की प्राप्ति कर पाने में सक्षम होगा तथा विद्यार्थियों को भविष्य में अधिक से अधिक शैक्षणिक तथा अन्य सुविधाएं प्रदान की जा पाना संभव होगी। मंच संचालन सांस्कृतिक समन्वयक डॉ.ज्योति पाण्डेय द्वारा किया गया। कार्यक्रम में कुलसचिव संजीव कुमार सिंह विधायक फरीदपुर प्रोफेसर श्याम बिहारी लाल सिंह डीएसडब्ल्यू प्रो.पी. बी. सिंह, चीफ प्रॉक्टर प्रो रविन्द्र सिंह, चीफ वार्डन प्रो. ए. के. सिंह, डॉ.अतुल कटियार,मीडिया प्रभारी डॉ. अमित कुमार सिंह , तपन वर्मा समस्त संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं शामिल रहे।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

