अमेरिका में भारतीय छात्र हिरासत में, अमेरिकी विदेश नीति का विरोध करने का आरोप
न्यूयॉर्क। अमेरिका में संघीय आव्रजन अधिकारियों ने एक भारतीय शोधार्थी बदर खान सूरी को हिरासत में लिया है। यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब हाल ही में हमास समर्थित गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में कोलंबिया विश्वविद्यालय की एक भारतीय छात्रा को स्वदेश लौटना पड़ा था।
क्या है पूरा मामला?
बदर खान सूरी वाशिंगटन डीसी स्थित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के एडमंड ए. वाल्श स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस में शोधार्थी हैं और पूर्व में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र रह चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक,
– सूरी को सोमवार रात वर्जीनिया स्थित उनके घर के बाहर से हिरासत में लिया गया।
– नकाब पहने संघीय एजेंटों ने उन्हें गिरफ्तार किया।
– अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है।
पत्नी का फलस्तीन से संबंध, सरकार को शक
सूरी के वकील हसन अहमद ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उनकी पत्नी फलस्तीन से ताल्लुक रखती हैं।
– वकील के मुताबिक, अमेरिकी सरकार को संदेह है कि सूरी और उनकी पत्नी, इजराइल के प्रति अमेरिकी विदेश नीति का विरोध करते हैं।
– सूरी की पत्नी अमेरिकी नागरिक हैं।
हिरासत केंद्र में भेजे जाने की संभावना
– सूरी को पहले वर्जीनिया की एक सुविधा में रखा गया।
– जल्द ही टेक्सास के एक हिरासत केंद्र में स्थानांतरित किया जा सकता है।
– उनके वकील ने तत्काल रिहाई के लिए याचिका दायर की है।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के छात्र से समानता
सूत्रों के अनुसार, सूरी को आव्रजन कानून के दुर्लभ प्रावधानों के तहत निर्वासन कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
– इसी प्रावधान के तहत हाल ही में कोलंबिया विश्वविद्यालय के छात्र महमूद खलील को गिरफ्तार किया गया था।
– खलील ग्रीन कार्ड धारक थे और उन्होंने इजराइल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
क्या होगा आगे?
अमेरिका में छात्र कार्यकर्ताओं पर बढ़ती कार्रवाई और विदेशी छात्रों की निगरानी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अब यह देखना होगा कि बदर खान सूरी को रिहा किया जाएगा या निर्वासन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।