अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव-2025 में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने की भागीदारी
बरेली, 26अप्रैल। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय में अनुप्रयुक्त दर्शन शास्त्र विभाग के अंतर्गत चल रहे योग विज्ञान में स्नात्कोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम के तहत हर वर्ष छात्र-छात्राओं को योग दर्शन का सैद्धांतिक और व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। छात्र-छात्राओं को यथासंभव भारतवर्ष में हो रहे विभिन्न योग महोत्सवों, सेमिनार आदि में प्रतिभाग करने का अवसर भी प्राप्त हो रहा है।
मार्च 2025 के प्रथम सप्ताह में योग विज्ञान के छात्र-छात्राओं ने योगनगरी कहे जाने वाले उत्तराखंड राज्य के ऋषिकेश शहर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभाग किया।
योग विज्ञान के छात्र-छात्राओं का दल विभागाध्यक्ष डॉ.ए. के. सिंह की प्रेरणा से सहायक प्रोफेसर डॉ. सेतवान और स.प्रो. प्रियंका शाक्य के निर्देशन में इस दौरे पर गया। योग के छात्र-छात्राओं ने अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में उन योगाचार्यों से प्रशिक्षण प्राप्त किया जो न केवल भारत वर्ष में बल्कि पूरी दुनिया में अपनी योग विद्या का परचम लहरा रहे हैं और योग गुरु के रूप में विश्व को योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं।
अनुप्रयुक्त दर्शन शास्त्र विभाग के अंतर्गत चल रहे योग विज्ञान में स्नात्कोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण ले रहे छात्र-छात्राओं ने यहां बिहार योग केंद्र, मुंगेर के स्वामी आत्मस्वरूपानंद से पतंजलि योगसूत्र के गूढ़ रहस्यों को समझा वहीं ऋषिकेश के परमार्थ आश्रम के स्वामी चिदानंद ने आधुनिक दौर में योग की उपयोगिता को समझाया।
इनके अलावा अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त उषा देवी, अक्षर योग केंद्र के ग्रैंड मास्टर अक्षर, जितानंद महाराज, योगी कमल सिंह आदि से योग, मुद्राओं, बंध का व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। ओशो ध्यान केंद्र के स्वामी बोधि वर्तमान और भाग्यश्री जोशी, योगी जयदेवन, मेघा चौधरी ध्यान और प्राणायाम का प्रशिक्षण दिया।

डॉ.नवदीप जोशी, डॉ.नरेश चौधरी और लक्ष्मी नारायण जोशी ने योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के आपसी संबंध को स्पष्ट करते हुए योग की महत्ता को बताया।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट