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समाज का दायित्व है कि बच्चों के अधिकारों न हो हनन: मिलिंद द्विवेदी

अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन सम्पन्न

रायबरेली: अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर जनपद में 12 से 17 जून तक बाल श्रम निषेध सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। आज विशाखा इन्डस्ट्रीज, बछरावां रायबरेली में गोष्ठी का आयोजन मिलिन्द्र द्विवेदी, सदस्य बाल कल्याण समिति रायबरेली की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। गोष्ठी में सभी अगंतुको का श्रम प्रवर्तन अधिकारी रायबरेली राकेश कुमार पाल द्वारा स्वागत किया गया।

इस अवसर पर श्रम प्रवर्तन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि बाल श्रम समाज के लिए एक अभिशाप है जिसे जनपद रायबरेली से हटाया जाना आवश्यक है तथा सरकार की मंशा के अनुरूप वर्ष 2027 तक प्रदेश सहित जनपद रायबरेली को मुक्त कराया जाना आवश्यक है, जिसके लिए गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं। विशाखा इन्टस्ट्रीज के वर्क मैनेजर अनिल मिश्रा ने कहा कि बच्चे भारत का भविष्य है आगामी 20 वर्षों में भारत के आग्रणी भूमिका के लिए बाल श्रम को समाप्त किया जाना अवाश्यक है, तथा इसके लिए अपने कर्मचारियों से आस-पास के लोगों को जागरूक करने का आवहन किया गया।

सहायक श्रमायुक्त आर०एल० स्वर्णकार द्वारा अपने उ‌द्बोधन में सभी से आवहन किया गया कि बाल श्रम एक समाजिक समस्या है जिसका उन्मूलन जागरूकता के माध्यम से ही किया जा सकता है। उन्होंने अवगत कराया कि श्रम विभाग इस संबंध में जागरूकता लाने में प्रयास करता रहा है तथा बाल श्रम कराने गले सेवा याजको के विरूध बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं वियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत प्राभियोजन एवं अन्य विधिक कार्यवाही भी कर रहा है। उन्होने सभी से आवहन किया कि जहा पर भी बाल श्रमिक कार्य करते पाए ऐसे सवायोजको स यथा संभव बाल श्रम न कराने के लिए प्रेरित करें।

जिला विधिक प्राधिकरण के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 6 से 14 वर्ष के बच्चे की निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था भारत सरकार द्वारा की गयी है इस आयु वर्ग के बच्चों को शिक्षा मिल सके साथा बाल श्रम से दूर रहे। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सुश्री संगीता मिश्रा द्वारा रायबरेली को बाल श्रम मुक्त करने के लिए से अनुरोध किया गया।

गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे मिलिन्द्र द्विवेदी द्वारा अपने विचार रखते हुए कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में रायबरेली में बाल श्रम काफी कम हुआ है जिसके लिए श्रम विभाग का प्रयास सराहनीय है। मिलिन्द्र द्विवेदी द्वारा कहा गया कि बच्चों को शिक्षा का व आजादी से खेलने का अधिकार है जिसे बच्चों को उपलब्ध कराए जाने का सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। द्विवेदी द्वारा रायबरेली में बाल श्रम प्रथा को रोकने अथवा समाप्त करने के लिए सभी आम जनो को इस संबंध में जागरूक किये जाने व सभी संबंधी विभागों द्वारा आपसी सहयोग के साथ समलित प्रयास किये जाने पर बल दिया गया। इस अवसर पर बाल श्रम उन्मूलन हेतु हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया जिसमे उपस्थित अधिकारियो, अगंतुको एवं आम जन मानस द्वारा बाल श्रम पथा के उन्मूलन हेतु प्रयास किये जाने का संकल्प लेते हुए हस्ताक्षर किये गये।

गोष्ठी का समापन पर विशाखा इन्डस्ट्रीज के प्रबन्धक द्वारा सभी को धन्यवाद दिया गया। गोष्ठी का संचालन एस०एस० पांडेय द्वारा किया गया। गोष्ठी का आयोजन श्रम विभाग के सौजन्य से किया गया जिसमें आर०एल० स्वर्णकार, सहायक श्रमायुक्त रायबरेली, मान सिंह कुशवाहा, श्रम प्रवर्तन अधिकारी रायबरेली. एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के इस्पेक्टर, सुश्री संगीता मिश्रा वरिष्ठ आराक्षी, एवं यूनिट के अन्य पुलिस जन उपस्थित रहें। गोष्ठी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पदाधिकारी, विशाखा इन्डस्ट्रीज के वर्क मैनेजर, गैर-सरकारी संगठन के प्रतिनिधि एवं विशाखा इन्डस्ट्रीज के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहें।