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आज से कार्तिक मास शुरू, इस महीने में बड़े व्रत-त्योहार देंगे दस्तक

नई दिल्ली. आज से कार्तिक (Kartik) का महीना ( month) शुरू हो रहा है. कार्तिक का महीना हिंदू धर्म (Hinduism) में अत्यंत पवित्र माना जाता है और ये मास हिंदू कैलेंडर का 8वां महीना होता है. यह वह समय होता है जब भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की विशेष पूजा और उपासना की जाती है. शास्त्रों के अनुसार, इस महीने में योग निद्रा से भगवान विष्णु जागते हैं और उनकी आराधना से अनेक पुण्य प्राप्त होते हैं. कार्तिक मास में भक्त भगवान कृष्ण की भी विशेष पूजा करते हैं. इसके साथ ही दीपावली जैसे बड़े पवित्र त्योहार भी इस महीने में आते हैं, जिसमें दीपक जलाने का विशेष महत्व होता है. कार्तिक मास में दीपदान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.

फलदायी है कार्तिक का महीना
कार्तिक के महीने में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है. ऐसा करने से शरीर स्वस्थ रहता है और मानसिक शांति मिलती है. स्नान के बाद घर के मंदिर में भगवान विष्णु या भगवान कृष्ण की पूजा करते हुए दीपक जलाएं. यदि घी उपलब्ध न हो तो तिल के तेल का दीपक जला सकते हैं. इसके बाद उनके मंत्रों का जाप करें जिसमें विशेष है ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:’, जिसका 108 बार जाप करना अत्यंत प्रभावशाली माना गया हैइसके अलावा, कार्तिक मास में तुलसी का पूजन और तुलसी विवाह का भी बड़ा महत्व है. इस महीने में तुलसी माता की नियमित सेवा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ती है.

कार्तिक मास में स्नान और दान का महत्व
कार्तिक मास में स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व है. इस महीने में गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद अन्न का दान करना जैसे चावल, दाल, आटा, फल आदि देने से पाप नष्ट होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. यदि समय कम हो तो गंगाजल को स्नान के पानी में मिलाकर भी पुण्यकार्य किया जा सकता है. इसके साथ ही, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से भी बड़े लाभ होते हैं. इस मास में दीपदान भी अत्यंत फलदायी माना गया है. मंदिरों या नदी में दीपक जलाना मनोकामनाओं की प्राप्ति और शुभता का कारण बनता है.

कार्तिक मास 2025 व्रत-त्योहार लिस्ट

8 अक्टूबर 2025, बुधवार – कार्तिक महीने का प्रारंभ
10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार – करवा चौथ और वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी
11 अक्टूबर 2025, शनिवार – रोहिणी व्रत
13 अक्टूबर, सोमवार – अहोई अष्टमी, मासिक कालाष्टमी, कृष्ण जन्माष्टमी और राधा कुंड स्नान
17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार – रमा एकादशी और तुला संक्रांति
18 अक्टूबर 2025, शनिवार – धनतेरस, यम दीपक और शनि प्रदोष व्रत
19 अक्टूबर 2025, रविवार – हनुमान पूजा, नरक चौदस, छोटी दिवाली
20 अक्टूबर 2025, सोमवार – दीपावली महापर्व
22 अक्टूबर 2025, बुधवार – गोवर्धन पूजा
23 अक्टूबर 2025, गुरुवार- भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा
25 अक्टूबर 2025, शनिवार – विनायक चतुर्थी और नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत
26 अक्टूबर 2025, रविवार – खरना
27 अक्टूबर 2025, सोमवार – सूर्य देव को संध्या काल का अर्घ्य
28 अक्टूबर 2025, मंगलवार – छठ महापर्व समापन
30 अक्टूबर 2025, गुरुवार – गोपाष्टमी
31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार – अक्षय नवमी
1 नवंबर 2025, शनिवार- देवउठनी एकादशी और चातुर्मास समाप्‍त
2 नवंबर 2025, रविवार – तुलसी विवाह
3 नवंबर 2025, सोमवार – प्रदोष व्रत
5 नवंबर 2025, बुधवार – कार्तिक पूर्णिमा और देव दिवाली

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