Karwa Chauth 2023: सर्वार्थ सिद्धि योग में करवा चौथ आज, इस विधि से करें व्रत और पूजा, जानें मुहूर्त, मंत्र, चांद निकलने का समय
नई दिल्ली (New Dehli) । अखंड सौभाग्य (unbroken good fortune)का व्रत करवा चौथ आज सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi Yoga)में मनाया जा रहा है. व्रती महिलाओं ने सूर्योदय पूर्व (before sunrise)सरगी खाकर व्रत का प्रारंभ किया. यह व्रत सूर्योदय (sunrise)से लेकर चंद्रोदय (moon rise)तक रखा जाता है. इस साल करवा चौथ व्रत की अवधि 13 घंटे 42 मिनट है. इतने समय तक निर्जला वत रखा जाएगा. फिर चांद के निकलने पर अर्घ्य और पूजा के बाद पारण करके व्रत को पूरा किया जाएगा. इस साल करवा चौथ पर पूजा का मुहूर्त 1 घंटा 18 मिनट तक है. इस व्रत को रखने से जीवनसाथी की उम्र बढ़ती है और दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि करवा चौथ की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र और चांद निकलने का समय क्या है?
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि की शुरूआत: 31 अक्टूबर, मंगलवार, रात 09:30 बजे से
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि की समाप्ति: 1 नवंबर, बुधवार, रात 09:19 बजे पर
व्रत का समय: आज, सुबह 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 15 मिनट तक
पूजा मुहूर्त: आज, शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 54 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:33 बजे से कल प्रात: 04:36 बजे तक
परिघ योग: प्रात:काल से दोपहर 02 बजकर 07 मिनट तक
शिव योग: दोपहर 02:07 बजे से कल दोपहर 01:14 बजे तक
करवा चौथ 2023 चांद निकले का समय
आज करवा चौथ का चांद रात 08 बजकर 15 मिनट पर निकलेगा. उस समय व्रती महिलाएं अर्घ्य देंगी, चंद्रमा की पूजा करेंगी. उसके बाद पारण करके व्रत को पूरा करेंगी.
करवा चौथ 2023 पूजा सामग्री
मिट्टी का करवा, ढक्कन, एक थाली, एक छलनी, करवा माता की तस्वीर, लाल चुनरी, लकड़ी की चौकी, एक कलश, चंदन, पान का पत्ता, शक्कर का बूरा, फूल, शहद, कच्चा, दूध, दही, देसी घी, हल्दी, चावल, मिठाई, मौली या रक्षासूत्र, रोली, कुमकुम, सोलह श्रृंगार की समाग्री, लहुआ, 8 पूड़ियों की अठावरी, दक्षिणा, गेहूं, कपूर, दीपक, अगरबत्ती, रूई की बाती.
करवा चौथ 2023 पूजा विधि
आज शुभ मुहूर्त के समय व्रती महिलाओं को दुल्हन की तरह तैयार होकर पूजा स्थान पर बैठना चाहिए. उसके बाद महिलाएं पीली मिट्टी से गौरी, गणेश और शिव जी की मूर्ति बनाएं या फिर इन तीनों की तस्वीर एक चौकी पर स्थापित करें. इसमें सबसे पहले प्रथम पूज्यनीय गणेश जी, फिर माता पार्वती और शिव जी की पूजा करनी चाहिए.
भगवान गणेश को दूर्वा, सिंदूर, अक्षत्, मोदक, धूप, दीप आदि अर्पिक करें. शिव जी को बेलपत्र, अक्षत्, चंदन, फूल, शहद, भांग, धूप, दीप आदि चढ़ाएं. फिर माता पार्वती की पूजा अक्षत्, सिंदूर, लाल पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, सोलह श्रृंगार की सामग्री, लाल चुनरी आदि से करें. 8 पूड़ियों की अठावरी, करवा आदि से भी पूजा करें.
इसके बाद करवा चौथ व्रत कथा सुनें. फिर माता गौरी, गणेश और शिव जी की आरती करें. पूजा के अंत में मां गौरी और शिव जी से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें. उसके बाद सासु मां के पैर छूकर आशीष लें. उनको प्रसाद और सुहाग सामग्री दें.
रात को चांद निकलने पर अर्घ्य की तैयारी करें. छलनी से चांद को देखते हुए अर्घ्य दें. पानी में कच्चा दूध, सफेद फूल, अक्षत् और शक्कर डालकर अर्घ्य दें. उसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण करें. मिठाई खाकर पारण कर लें.