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हार्ट अटैक आने पर डिस्प्रिन से राहत, जानें महत्वपूर्ण जानकारी

 

हमारे शरीर का सबसे नाजुक और अहम अंग हृदय है, लेकिन आजकल की व्यस्त जीवनशैली में इसका ख्याल रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है। लंबे समय तक दिल की अनदेखी करने से गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। सीने में दर्द, सांस फूलना और चक्कर आना जैसे लक्षण दिल की कमजोरी को दर्शाते हैं, जो जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।

सीपीआर कार्यशाला में महत्वपूर्ण सुझाव:

हाल ही में गाेमती नगर विस्तार स्थित एक होटल में कार्डियोपलमोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें लोहिया संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष, डॉ. भुवन चंद्र तिवारी ने स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों को सीपीआर के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने यह भी साझा किया कि हार्ट अटैक के दौरान डिस्प्रिन थोड़ा राहत दे सकता है। इसे तुरंत चबाकर लेना चाहिए, ताकि अस्पताल तक पहुंचने से पहले राहत मिल सके।

कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब:

प्रश्न: खाने के तेल का उपयोग कितना करना चाहिए ताकि हृदय पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े?

उत्तर: खाने में उतने ही तेल का प्रयोग करें, जिससे बर्तन में खाद्य पदार्थ जलने न पाएं। देसी घी और अतिरिक्त चिकनाई से बचें।

प्रश्न: हृदय रोग से बचने के लिए क्या उपाय किए जाएं?

उत्तर: इसके लिए मधुमेह, रक्तचाप, धूम्रपान और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना जरूरी है। यदि आवश्यकता हो तो दवाइयां लें। कम से कम सात घंटे की नींद लें और रोज़ाना 10,000 कदम चलें। अपने बेल्ट का साइज बढ़ने से बचाएं।

प्रश्न: कैसे जानें कि छाती में दर्द हृदय रोग का संकेत है?

उत्तर: अगर चलते समय सांस फूलने लगे, छाती में दर्द हो और रुकना पड़े, तो यह हृदय रोग का संकेत हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल जमा होने से बचाएं और नियमित रूप से 6 किमी चलें। डॉक्टर से मिलना भी जरूरी है।

प्रश्न: क्या लहसुन का रस, अदरक और पनीर हृदय के लिए फायदेमंद हैं?

उत्तर: हृदय रोग के दौरान लहसुन और अदरक का रस कारगर नहीं होता। हालांकि, घर का बना भोजन उपयोगी हो सकता है। पनीर को सीमित मात्रा में खा सकते हैं, लेकिन फिर चलने की आदत डालें। एक अच्छा लाइफस्टाइल हृदय रोग से बचाव में मदद कर सकता है।

हृदय रोग के लक्षण:

सांस लेने में परेशानी

शारीरिक गतिविधि में कमी

साइनोसिस (त्वचा, होंठ और नाखूनों का नीला पड़ना)

भूख का न लगना

तेज सांस लेना

बार-बार फेफड़ों का संक्रमण

वजन में अप्राकृतिक वृद्धि

पैरों या पेट में सूजन

चक्कर आना, सामान्य थकान

त्वरित और अनियमित दिल की धड़कन

चेतावनी संकेत:

बेहोशी या चक्कर जैसा महसूस होना

उल्टी या मतली

छाती या शरीर के ऊपरी हिस्से में बेचैनी, जो बांह या जबड़े तक फैल सकती है

ठंड लगना या पसीना आना

छाती में दबाव या दर्द

हृदय रोग के इन लक्षणों और चेतावनियों को पहचानना बेहद जरूरी है ताकि समय रहते उपचार किया जा सके और स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सके।

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