महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने एससीआईएमएजीओ (SCIMAGO) रैंकिंग 2025 में उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में तीसरा स्थान प्राप्त किया
बरेली,10 जुलाई। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय (एमजेपीआरयू) ने शिक्षा, शोध और नवाचार के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए एससीआईएमएजीओ (SCIMAGO) संस्थान रैंकिंग 2025 में उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही, विश्वविद्यालय ने भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों में 138वां और वैश्विक स्तर पर 7110वां स्थान प्राप्त कर अपनी बढ़ती राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को सुदृढ़ किया है।
यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल तथा राजभवन के अधिकारियों के मार्गदर्शन और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह के नेतृत्व में संस्थान की निरंतर प्रगति का परिणाम है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर लखनऊ ट्रिब्यून के ब्यूरो चीफ अखिलेश चन्द्र सक्सेना से वार्तालाप करते हुए सीएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने कहा, “यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। एमजेपीआरयू की यह उपलब्धि हमारे शिक्षकों, शोधार्थियों, छात्रों और समस्त स्टाफ की अथक मेहनत, समर्पण और नवाचारी सोच का प्रतिफल है। हमारा संकल्प है कि हम शैक्षणिक उत्कृष्टता, उद्योग-अकादमिक सहयोग और सामाजिक प्रभाव के माध्यम से न केवल भारत, बल्कि वैश्विक शिक्षा क्षेत्र में अपनी पहचान को और अधिक मजबूत करेंगे। हमारा लक्ष्य छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना तथा रोजगारपरक शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है।”
विश्वविद्यालय की अन्य प्रमुख उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विशिष्ट- NAAC द्वारा A++ ग्रेड (2023)
UGC द्वारा ‘A-श्रेणी’ का दर्जा प्राप्त कर अकादमिक स्वायत्तता हासिल की।

टाइम्स हायर एजुकेशन इम्पैक्ट रैंकिंग 2026 में शामिल होकर संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में योगदान को मान्यता।
रोजगार क्षमता, शोध नवाचार और उद्योग सहयोग में उत्कृष्ट प्रदर्शन।
कुलपति महोदय ने बताया कि
एमजेपीआरयू क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग और क्यूएस एशिया रैंकिंग जैसे वैश्विक मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, उद्यमशीलता विकास और अनुसंधान के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करना है।
यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की “शिक्षा, शोध और समाज सेवा” के प्रति समर्पित भावना को प्रदर्शित करती है। एमजेपीआरयू भविष्य में और अधिक ऊँचाइयों को छूने के लिए सतत प्रयासरत है।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट