राजभवन में भारतीय संविधान के मूल अधिकारों पर आधारित ‘मूट कोर्ट
लखनऊ: प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा और मार्गदर्शन में आज राजभवन में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारतीय संविधान के मूल अधिकारों, मूल कर्तव्यों, भारतीय दंड संहिता और अन्य कानूनी प्रावधानों पर आधारित मूट कोर्ट का प्रस्तुतिकरण आयोजित किया गया। इस विशेष प्रस्तुतिकरण में राजभवन के अधिकारीगण और कर्मचारीगण ने प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में उत्साहपूर्वक भाग लिया। मूट कोर्ट के दौरान प्रतिभागियों ने संविधान के विभिन्न विषयों का गहन अध्ययन कर अपनी विश्लेषण क्षमता और कानूनी ज्ञान का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने मूट कोर्ट प्रस्तुतिकरण की सराहना करते हुए कहा कि यह संविधान और कानून की समझ को बढ़ाने का एक उत्कृष्ट प्रयास है। इस प्रकार के प्रेजेंटेशन से प्रतिभागियों को कानूनी प्रक्रियाओं की बारीकियों को समझने और अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होने का अवसर मिलता है। राज्यपाल ने इसे संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाला अभिनव प्रयोग बताया और प्रतिभागियों के प्रयासों की प्रशंसा की।
उन्होेंने कहा कि इस आयोजन ने न केवल प्रतिभागियों की कानूनी समझ को सुदृढ़ किया बल्कि उनके तर्क कौशल और अभिव्यक्ति क्षमता को भी निखारा। यह आयोजन भारतीय संविधान और कानून के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके महत्व को समझाने की दिशा में एक सराहनीय कदम रहा।
उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि भारतीय संविधान की मूल प्रति राजभवन को प्राप्त हुई है। उल्लेखनीय है कि यह उपलब्धि प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी के विशेष प्रयासों से संभव हो सकी है। संविधान की यह मूल प्रति राजभवन में सभी के दर्शनार्थ स्थायी रूप से उपलब्ध रहेगी, जिससे लोगों में संविधान के प्रति जागरूकता और सम्मान का भाव और अधिक प्रगाढ़ होगा।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही नारी अदालत जैसी अन्य योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी पहलें महिलाओं को सशक्त बनाती हैं और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करती हैं। उन्होंने बताया कि नारी अदालत के माध्यम से महिलाओं द्वारा महिलाओं की समस्याओं को सुना और हल किया जाता है, जिससे विवाद अदालत तक जाने से पहले ही सुलझ जाते हैं।
राज्यपाल ने ऐसी योजनाओं को समाज में समरसता और न्याय व्यवस्था को मजबूत बनाने का माध्यम बताया।
कार्यक्रम के दौरान अपर मुख्य सचिव राज्यपाल, डॉ. सुधीर महादेव बोबडे तथा राजभवन के विधिक परामर्शदाता राज्यपाल प्रशांत मिश्र ने भारतीय संविधान के विभिन्न भागों की जानकारी दी। उन्होंने संविधान के मूल अधिकारों, कर्तव्यों, और दंड संहिता से जुड़े प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए इसकी महत्ता और उपयोगिता को रेखांकित किया। उनके मार्गदर्शन ने प्रतिभागियों को संविधान की गहराई और इसकी संरचना को बेहतर ढंग से समझने में मदद की।
इस अवसर पर डॉ0 राम मनोहर नेशनल लॉ विश्वविद्यालय के अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ0 प्रसेनजीत कुण्डू, डॉ0 मनोज कुमार , राजभवन के अधिकारी/कर्मचारी, अध्यासितगण सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।