उत्तर प्रदेश

रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के पादप विज्ञान विभाग में मशरूम कल्टीवेशन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

बरेली, 08 नवंबर। महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह के संरक्षण में पादप विज्ञान विभाग में तृतीय मशरूम कल्टीवेशन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में किसानों,महिलाओं, छात्रों, व आम नागरिकों ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ प्रोफेसर बीपी सिंह के कर कमल द्वारा किया गया। प्रशिक्षण शिविर के कोऑर्डिनेटर एवं प्रशिक्षक डॉक्टर विजय कुमार सिन्हाल ने बताया कि शिविर में किसानों व गृहणियों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभागिता की। शिविर में ओयस्टर व बटन मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दिया गया। डॉक्टर सिन्हाल ने बताया कि प्रशिक्षण में मशरूम की खेती सीखने के अतिरिक्त प्रशिक्षुओं को मशरूम के बाजार के संबंध में विस्तार से वताया गया एवं उनके द्वारा उगाए गए मशरूम को खरीदने के लिए बाजार भी उपलब्ध कराया गया। स्वरोजगार के दृष्टिगत फोवटिस नामक एक्सपोर्टर कपनी को भी आमंत्रित किया गया ।कंपनी के अधिकारियों ने प्रशिक्षार्थियों को भरोसा दिलाया कि उनके द्वारा उगाए गए ऑयस्टर मशरूम को उचित मूल्यों पर खरीद लिया जाएगा। केंद्र सरकार स्वरोजगार दृष्टिकोण के तहत ही महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के पादप विज्ञान विभाग ने छात्रों का एक्सपरिएंसीएल लर्निंग ग्रुप बनाया है जिसके माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त छात्र मशरूम का उत्पादन करेंगे व अपनी आय बढ़ाएंगे। पादप विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आलोक श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण में सम्मिलित सभी लोगों को मशरूम कल्टीवेशन व्यवसायिक महत्व बताया।प्रोफेसर संजय गर्ग ने छात्र-छात्राओं को शुभाशीष दिए डॉ पंकज कुमार अरोड़ा ने छात्रों को मशरूम के पोषक तत्वों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर को सफल बनाने में प्रोफेसर उपेंद्र कुमार, डॉ ललित कुमार पांडे, सौरभ कुमार, संगीता कुमारी, नवीन कुमार, राजीव कुमार, आदि का विशेष योगदान रहा। पादप विज्ञान विभाग में तृतीय मशरूम कल्टीवेशन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में किसानों,महिलाओं, छात्रों, व आम नागरिकों ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ प्रोफेसर बीपी सिंह के कर कमल द्वारा किया गया। प्रशिक्षण शिविर के कोऑर्डिनेटर एवं प्रशिक्षक डॉक्टर विजय कुमार सिन्हाल ने बताया कि शिविर में किसानों व गृहणियों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभागिता की। शिविर में ओयस्टर व बटन मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दिया गया। डॉक्टर सिन्हाल ने बताया कि प्रशिक्षण में मशरूम की खेती सीखने के अतिरिक्त प्रशिक्षुओं को मशरूम के बाजार के संबंध में विस्तार से वताया गया एवं उनके द्वारा उगाए गए मशरूम को खरीदने के लिए बाजार भी उपलब्ध कराया गया। स्वरोजगार के दृष्टिगत फोवटिस नामक एक्सपोर्टर कपनी को भी आमंत्रित किया गया ।कंपनी के अधिकारियों ने प्रशिक्षार्थियों को भरोसा दिलाया कि उनके द्वारा उगाए गए ऑयस्टर मशरूम को उचित मूल्यों पर खरीद लिया जाएगा। केंद्र सरकार स्वरोजगार दृष्टिकोण के तहत ही महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय के पादप विज्ञान विभाग ने छात्रों का एक्सपरिएंसीएल लर्निंग ग्रुप बनाया है जिसके माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त छात्र मशरूम का उत्पादन करेंगे व अपनी आय बढ़ाएंगे। पादप विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आलोक श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण में सम्मिलित सभी लोगों को मशरूम कल्टीवेशन व्यवसायिक महत्व बताया।प्रोफेसर संजय गर्ग ने छात्र-छात्राओं को शुभाशीष दिए डॉ पंकज कुमार अरोड़ा ने छात्रों को मशरूम के पोषक तत्वों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर को सफल बनाने में प्रोफेसर उपेंद्र कुमार, डॉ ललित कुमार पांडे, सौरभ कुमार, संगीता कुमारी, नवीन कुमार, राजीव कुमार, आदि का विशेष योगदान रहा।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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