दिल्ली में कंस्ट्रक्शन के लिए पुलिस परमिशन की जरूरत नहीं, रेखा गुप्ता सरकार ने जारी किया सर्कुलर
नई दिल्ली: दिल्ली में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन को लेकर दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। रेखा गुप्ता की अगुवाई वाली सरकार की ओर से जारी एक सर्कुलर में कहा गया कि दिल्ली में बिल्डिंग निर्माण के लिए पुलिस के परमिशन की जरूरत नहीं है। शहरी विकास मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली नगर निगम यानि MCD और दूसरे स्थानीय निकाय अपने अपने इलाके में आने वाले निर्माण कार्यों को नियंत्रित करते हैं, इसलिए इसमें पुलिस से बिल्डिंग निर्माण के परमिशन की जरूरत नहीं है। यह एक गलत धारण प्रचलित है कि बिल्डिंग निर्माण के लिए पुलिस के परमिशन की जरूरत होती है।
कल गृह मंत्री के साथ हुई थी सीएम की मीटिंग
दरअसल, कल गृहमंत्री अमित शाह के साथ सीएम रेखा गुप्ता की मीटिंग हुई थी और इस मीटिंग में कंस्ट्रक्शन के काम में पुलिस परमिशन के नाम पर वसूली पर चर्चा हुई थी जिसके बाद आज सरकार ने लेटर जारी करते हुए ये क्लियर कर दिया है। इस सर्कुलर माध्यम से यह सूचित किया गया है कि इस आशय की एक गलत धारणा प्रचलित है कि किसी व्यक्ति को भवन निर्माण के लिए पुलिस से अनुमति लेने की आवश्यकता होती है।
गलत धारणा को दूर करने के लिए जागरूक करें
इस सर्कुलर के माध्यम से दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया गया कि वे अपने क्षेत्र के अधिकारियों को कानून के प्रावधान के दुरुपयोग को रोकने और इस गलत धारणा को दूर करने के लिए जागरूक करें कि किसी भी भवन के निर्माण के लिए पुलिस से अनुमति की आवश्यकता है। हालांकि, पुलिस प्राधिकरण सभी नगर निगम अधिकारियों और अन्य नगर निगम कर्मचारियों को उनके वैध अधिकार [डीएमसी अधिनियम, 1957 की धारा, 475] के प्रयोग में सहायता और पूर्ण समर्थन प्रदान करना जारी रखेगा।
सभी वादे पूरे करेंगे: रेखा गुप्ता
इससे पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में किये गये सभी वादों को पूरा करेगी। गुप्ता ने दिल्ली की पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाया और कहा कि इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में किये गए वादों को पूरा करेगी। विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर एक चर्चा के दौरान गुप्ता ने आप पर कटाक्ष करते हुए उसे एक ‘‘धरना पार्टी’’ करार दिया, जो सत्ता से बाहर होने के बाद भी विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए है।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा, ‘‘हमारे शपथ लेने से पहले ही आतिशी और आप के अन्य विधायक बैनर लेकर सवाल कर रहे थे कि हम महिलाओं को 2,500 रुपये कब देंगे। वे हमसे सवाल तब कर रहे हैं, जब वे खुद पंजाब में इसी वादे को पूरा करने में विफल रहे। वे एक धरना पार्टी हैं – जब सत्ता में थे, तो वे विरोध प्रदर्शन पर बैठे, अब वे विपक्ष में हैं और वे अब भी वही कर रहे हैं।’’
उन्होंने दोहराया कि भाजपा की नवगठित सरकार विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के लोगों से किए गए सभी वादों को पूरा करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी। गुप्ता ने कहा, ‘‘हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक हम अपने संकल्प पत्र में किए गए सभी वादे पूरे नहीं कर लेते। आप द्वारा खजाना खाली छोड़े जाने के बावजूद, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली को वह शासन मिले, जिसकी वह हकदार है।’’