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साहू रामस्वरूप महिला महाविद्यालय में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स(आईपीआर) पर हाइब्रिड मोड पर हुआ वर्कशॉप का आयोजन

बरेली,13अप्रैल। साहू रामस्वरूप महिला महाविद्यालय के IQAC व विधिक परामर्श समिति द्वारा संयोजित रूप से आईपीआर विषय पर हाइब्रिड मोड से वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशाप में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर अमित सिंह विभागाध्यक्ष, विधि संकाय, महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के रूप में तथा विशिष्ट वक़्तागण सुश्री प्रेक्षा सिंह,सहायक आचार्य,विधि संकाय, महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली एवं डॉ प्रवीण एस.चौहान, सहायक आचार्य, विधि संकाय, बरेली कॉलेज, बरेली उपस्थित रहें।

वर्कशॉप के शुभारंभ में मुख्य वक्ता प्रो अमित सिंह का कॉलेज प्राचार्या, प्रो अनुपमा मेहरोत्रा द्वारा पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया। इसी प्रकार प्रो. प्रीति पाठक, संयोजिका,विधिक परामर्श समिति द्वारा विशिष्ट वक्ता सुश्री प्रेक्षा सिंह एवं प्रो. कनक लता सिंह, सदस्या, विधिक परामर्श समिति द्वारा डॉ चौहान को पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया। तत्पश्चात मुख्य वक्ता प्रोफेसर अमित सिंह ने वर्कशॉप के विषय आई. पी. आर. का प्रत्यय स्पष्ट करते हुए आईपीआर के विभिन्न स्वरूपों जैसे कॉपीराइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क, भौगोलिक संकेत,लेआउट डिजाइन, पादप विविधता आदि की चर्चा की और कानून द्वारा उनकी सुरक्षा के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया।इसके साथ ही बौद्धिक संपदा व्यक्ति व देश के भविष्य लिए किस प्रकार उपयोगी व महत्वपूर्ण है, के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि भविष्य में वही व्यक्ति सर्वाधिक समृद्ध होगा जिसके पास जितनी बौद्धिक संपत्ति होगी।

इसके पश्चात सुश्री सिंह ने बौद्धिक संपदा के मुख्य प्रकार ‘पेटेंट’ पर चर्चा करते हुए कहा कि वे समस्त अधिकार जो किसी क्षेत्र में नवाचारों को सुरक्षा प्रदान करते हैं पेटेंट राइट्स कहलाते हैं साथ ही उन्होंने अपने व्याख्यान में पेटेंट राइटस को प्राप्त करने के मापदंड जैसे- नवीनता, आविष्कारक कदम, पेटेंट का औद्योगिक उपयोग, पेटेंट के प्रकार जैसे- प्रक्रिया पेटेंट, उत्पाद पेटेंट,पादप विविधता पेटेंट व पेटेंट संरक्षण की प्रमुख चुनौतियां जैसे ए.आई. का बढ़ता हुआ उपयोग, बायोटेक्नोलॉजी पर चर्चा करते हुए इससे निपटने के उपायों को भी बताया ।

वर्कशॉप के द्वितीय सत्र में विशिष्ट वक़्ता डॉक्टर चौहान ने पीपीटी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बौद्धिक संपदा के संरक्षण, महत्व पर चर्चा करते हुए बताया कि किस प्रकार आईपीआर सृजनात्मकता की रक्षा करने में, आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने में, पेटेंट व नवाचारों के दुरुपयोग को रोकने में,बौद्धिक निधि को भविष्य के लिए सुरक्षित रखने में उपयोगी है और साथ ही बौद्धिक संपदा संरक्षण से संबंधित विभिन्न कानून की विस्तृत व्याख्या की।वर्कशॉप में महाविद्यालय से 100 छात्राओं तथा ऑनलाइन मोड से 350 छात्रों ने जुड़कर वर्कशॉप को सुना। MOUs के तहत कॉलेज से जुड़े 20 महाविद्यालय जिसमें – बरेली कॉलेज बरेली,हिंदू कॉलेज, अवंती बाई कॉलेज,गोकुलदास हिंदू गर्ल्स कॉलेज, गंगाशील महाविद्यालय,एसबीडी कॉलेज, एमजीएम कॉलेज, उदय प्रताप कॉलेज, आर. बी. डी.महिला महाविद्यालय, एनकेबीएम पीजी गर्ल्स कॉलेज, गवर्नमेंट गर्ल्स पीजी कॉलेज, सिल्वर लॉ कॉलेज,क्लासिक कॉलेज,एस. एस. कॉलेज,उपाधि महाविद्यालय,गन्ना उत्पादक महाविद्यालय से 340 प्रतिभागियों ने हाइब्रिड मोड पर रजिस्ट्रेशन कराया व वर्क शॉप में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम के अंत में कॉलेज प्राचार्य द्वारा मुख्य वक्ता प्रोफेसर अमित सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया तथा प्रोफेसर कनिका पांडे सदस्या, विधिक परामर्श समिति द्वारा सुश्री सिंह को व डॉक्टर सीमा गौतम सदस्या, विधिक परामर्श समिति द्वारा डॉ चौहान को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। संपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज प्राचार्य प्रो.अनुपमा मेहरोत्रा के निर्देशन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रियंका वर्मा,संयोजिका, IQAC द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में IQAC सदस्या डॉ प्रीति वर्मा,डॉ सीमा गौतम,श्री आशुतोष सिंह,डॉ रूचि अग्रवाल, डॉ ज्योति गुप्ता,श्रीमती महिमा यादव, श्रीमती श्वेता मौर्य, विधिक परामर्श समिति सयोंजिका प्रो प्रीति पाठक व सदस्या प्रो. कनक लता,प्रो कनिका पांडे, डॉ अभिलाषा का विशेष योगदान रहा। वर्कशॉप में महाविद्यालय से प्रो. अनामिका, प्रो राधा यादव,डॉ प्रतिभा पांडे, डॉ दीपशिखा,डॉ बीना,डॉ आकांक्षा, डॉ अफरोज, डॉ प्रज्ञा रावत, डॉ प्रीति सिंह, व अन्य शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट