वैकुंठ चतुर्दशी के दिन इस विधि से करें दीपदान, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद!
Vaikuntha Chaturdashi 2024 Deepdaan Vidhi: हिन्दू धर्म में वैकुंठ चतुर्दशी का बहुत अधिक महत्व है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की एक साथ पूजा की जाती है और साथ ही पितरों को शांति दिलाने के लिए दीपदान किया जाता है. इस दिन दीपदान करने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है. इस दिन दीपदान करने से लोगों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर खुशहाली बनी रहती है. ऐसी मान्यता है कि दीपदान के माध्यम से पितरों का तर्पण करने से लोगों को सभी दुखों से मिलता है और इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 14 नवंबर 2024 को सुबह 9 बजकर 43 मिनट पर होगी. वहीं चतुर्दशी तिथि का समापन 15 नवंबर को सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर होगा. इस दिन निशिता काल में पूजा करने का विधान है. इसलिए वैकुंठ चतुर्दशी का पूजन 14 नवंबर को ही किया जाएगा.
वैकुंठ चतुर्दशी पूजा शुभ मुहूर्त | Vaikuntha Chaturdashi shubh Muhurat
वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने के लिए निशिता काल की अवधि रात 11 बजकर 39 मिनट से लेकर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगी. ऐसे में भक्तों को पूजा करने के लिए कुल 53 मिनट का समय मिलेगा.
दीपदान करने की विधि | Deepdaan Karne Ki Vidhi
- वैकुंठ चतुर्दशी के दिन सबसे पहले एक बर्तन में शुद्ध जल भरें.
- फिर कच्चे घी का दीपक जलाएं
- दीपक जलाते समय ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें.
- किसी नदी, तालाब या जल के अन्य स्रोत में दीपक प्रवाहित करें.
- दीपदान करते समय अपने पितरों को याद करें और उन्हें समर्पित करें.
- तिल के तेल से तर्पण करें.
- किसी गरीब या जरूरतमंद को दान दें.
दीपदान के नियम | Deepdaan Ke Niyam
- शुद्ध मन: दीपदान करते समय मन को शुद्ध रखें.
- विधि-विधान: दीपदान की विधि का पालन करें.
- श्रद्धा: श्रद्धा के साथ दीपदान करें.
- सात्विक भोजन: दीपदान के दिन सात्विक भोजन करें.
- निंदा-चर्चा से बचें: दीपदान के दिन किसी की निंदा या चर्चा न करें.
वैकुंठ चतुर्दशी का महत्व | Vaikuntha Chaturdashi Ka Mahatva
वैकुंठ चतुर्दशी का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है. इस दिन दीपदान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. ऐसी मान्यता है कि वैकुंठ चतुर्दशी भगवान विष्णु और भोलेनाथ की एक साथ विधि-विधान से पूजा करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इसके साथ ही जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है.