धर्मराज्य

मौनी अमावस्या पर होगा महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

माघ माह की मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी, जिसे माघ अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन का विशेष धार्मिक महत्व है। माघ अमावस्या की तिथि 28 जनवरी को रात 7:35 बजे से प्रारंभ होगी और 29 जनवरी को शाम 6:05 बजे समाप्त होगी। मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान और दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा करने से जीवन में खुशियां बनी रहती हैं और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर**

महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर हुआ था, और अब महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर होगा। इस दिन का स्नान अत्यधिक पुण्यदायक माना जाता है, और इसे खास धार्मिक महत्व प्राप्त है।

अमृत स्नान का महत्व**

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ के अमृत स्नान के समय गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष रूप से शुभ होता है। जो लोग इस समय पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। महाकुंभ के दौरान अमृत स्नान करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और व्यक्ति का जीवन पवित्र हो जाता है।

स्नान और दान का शुभ मुहूर्त**

मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान का विशेष महत्व है। दृग पंचांग के अनुसार, 29 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से 6:19 बजे तक रहेगा। इस समय स्नान और दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है। जो लोग इस समय स्नान नहीं कर सकते, वे 29 जनवरी को सूर्यास्त तक स्नान और दान कर सकते हैं।

 

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