संविधान दिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में हुआ भव्य कार्यक्रम का आयोजन
बरेली, 27 नवम्बर। स्वतंत्रता के अमृत काल के अवसर पर लखनऊ में आयोजित संविधान दिवस के लाइव प्रसारण कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री जी के संबोधन का सजीव प्रसारण कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार, अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) संतोष बहादुर सिंह, अपर जिलाधिकारी नगर सौरभ दुबे, नगर मजिस्ट्रेट राजीव कुमार शुक्ला, जिला सूचना अधिकारी नीतू कनौजिया, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी मो0 सिबतेन सहित कलेक्ट्रेट के अधिकारी/कर्मचारीगण ने देखा व सुना।
उक्त के उपरांत जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने कलेक्ट्रेट सभागार में डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण किया और उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ संविधान दिवस की प्रस्तावना का वचन किया गया।
”हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।”
संविधान दिवस के अवसर पर सभी जनपद वासियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी गई। संविधान के उद्देशिका में निहित मूल्यों की स्थापना करना सभी अधिकारियों का प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिये। सभी को प्रस्तावना में निहित मूल्यों के अनुसार आचरण का अनुपालन करने का सुझाव दिया गया और संविधान की प्रस्तावना में निहित मूल्यों का सभी को अपने जीवन में अनुपालन करने की सलाह दी गयी। सभी अधिकारियों से अपील की गयी कि सभी को संविधान की प्रति अपने पास अवश्य रखनी चाहिए और उसका अध्ययन करना चाहिए तथा अपने प्रशासनिक जीवन में प्रस्तावना में निहित मूल्यों के अनुसार ही आचरण करना चाहिए।
इसी प्रकार जनपद के समस्त कार्यालयों, तहसीलों, विकास खण्डों, ग्राम पंचायतों, नगर पालिका/पंचायतों, शिक्षण संस्थानों आदि में स्वतंत्रता के अमृत काल के अवसर पर लखनऊ में आयोजित संविधान दिवस के लाइव प्रसारण कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री जी के संबोधन का सजीव प्रसारण देखा गया और संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया तथा संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट