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मा0 सदस्य गोसेवा आयोग रमाकांत उपाध्याय की अध्यक्षता में गौ संरक्षण एवं अनुरक्षण समिति के अधिकारी, पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई सम्पन्न

 

बरेली, 27 नवम्बर। माननीय सदस्य गोसेवा आयोग रमाकांत उपाध्याय की अध्यक्षता में कल गौ संरक्षण एवं अनुरक्षण समिति के अधिकारी, पदाधिकारियों के साथ गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन के संबंध में बैठक कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में संपन्न हुई।

बैठक में माननीय सदस्य गोसेवा आयोग को अवगत कराया गया कि जनपद में कुल 123 गौशालाएं हैं, जिसमें 21304 गौवंश संरक्षित हैं और 04 गौशालाएं निर्माणाधीन है। नगर निगम की गौशाला में 1754 गौवंश संरक्षित हैं, जिसमें 40 कर्मचारी कार्य करते हैं। जनपद की 56 हेक्टेयर भूमि पर हरा चारा बोया गया है।

मा0 सदस्य गोसेवा आयोग ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी ने गोसेवा आयोग का गठन किया है, जिसमें बरेली, आगरा, अलीगढ़ मण्डल की जिम्मेदारी उनके पास है।

मा0 सदस्य गोसेवा आयोग ने कहा कि हम सभी ग्रामीण परिवेश से संबंध रखते हैं और गौमाता की महत्ता को भली प्रकार समझते हैं, गाय मानव जाति के लिये माँ के स्वरूप है। मा0 मुख्यमंत्री जी ने गौशालाओं के लिए कुबेर के भंडार खोल दिये हैं बशर्ते गाय व गौशालाओं का पैसा उनके ऊपर ही खर्च होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिये कि गौशालाओं की जितनी गोचर जमीन है उन पर गायों के लिये हरा चारा बोया जाये।

मा0 सदस्य गोसेवा आयोग ने गौमाता के लिये आयी धनराशि उन पर ही व्यय करने की शपथ दिलायी। उन्होंने निर्देश दिये कि देवचरा में एक गौशाला की आवश्यकता है अतः भूमि चिन्हित कर अतिशीघ्र गौशाला का निर्माण करवाया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि यदि कोई सचिव गौशाला में अच्छा कार्य नहीं कर रहे हैं तो उनके स्थान पर दूसरे सचिव को लगाया जाये तथा तहसीलों में मॉडल गौशाला बनायी जायें। बैठक में निर्देश दिये गये कि जन सहभागिता योजना के अन्तर्गत अच्छे गौवंशों को जरूरतमंदों को दिया जाये, जिससे उनका जीवन यापन भली प्रकार हो सके और जैविक उत्पाद करने हेतु गौशाला के आस-पास रहने वाले किसानों को प्रेरित किया जाये।

बैठक में समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि जनपद की गौशालाओं का समय-समय पर निरीक्षण करें और यह भी देखें की गौशाला में कितनी गाय हैं तथा उन्हें उचित हरा चारा, पीने का पानी, दवाएं आदि दिया जा रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि अक्सर यह सुनने में आता है कि लोग गायों के गोबर को बेच देते हैं इसे बेचने के बजाय कृषकों को दे दें, जिससे कृषक जैविक खाद के रूप में अपने खेतों में इस्तेमाल कर सकें और उस गोबर के बदले किसानों से गायों को खिलाने हेतु हरा चारा ले लें। उन्होंने जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिए कि समस्त गौशाला में नेपियर घास उगाई जाए तथा वही घास गायों को भी खिलाई जाए।

बैठक में अपर नगर आयुक्त सुनील कुमार, जिला पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 मेघ श्याम, डीसी मनरेगा हसीब अंसारी, जिला विकास अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

उक्त के अतिरिक्त मा0 सदस्य गोसेवा आयोग ने कहा कि जनपद बरेली के विकासखंड आलमपुर जाफराबाद के ग्राम सिरोही में स्थित अस्थाई गौ आश्रय स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय पाया कि गौशाला में 54 गोवंश संरक्षित हैं तथा गौशाला में गायों के लिए भूंसा, हरा चारा, चोकर, गौवंशों को ठंड से बचाव की व्यवस्था आदि उचित पायी गयी। इसी के क्रम में विकासखंड क्यारा के ग्राम इटौआ सुखदेवपुर में स्थित गौशाला का भी निरीक्षण किया जहां पर पाया कि गौशाला में 138 गोवंश संरक्षित हैं तथा गौशाला में सभी व्यवस्था उचित पायी गयी।

निरीक्षण के समय जिला पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 मेघ श्याम, गौ आश्रय स्थल के केन्द्र व्यवस्थापक सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित है।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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