उत्तर प्रदेशराज्य

मा० मत्स्य मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद द्वारा मंडलीय मत्स्य पालक गोष्ठी में सहभागिता।केंद्र एवं राज्य सरकार की मत्स्य योजनाओं की दी विस्तृत जानकारी

बरेली,18जून। रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के सभागार में उत्तर प्रदेश सरकार के मा० मत्स्य मंत्री एवं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद  द्वारा बरेली मंडल के अंतर्गत आने वाले जनपदों के मत्स्य पालकों की मंडलीय गोष्ठी को संबोधित किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए मा० मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार मत्स्य पालन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ मानते हुए इसके सतत विकास हेतु पूरी तरह संकल्पित है। सरकार का उद्देश्य मछुआ समुदाय को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से सशक्त करना है, ताकि उनकी प्रभावी भागीदारी समाज की मुख्यधारा में सुनिश्चित हो सके।
डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने इस अवसर पर उपस्थित मत्स्य पालकों को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मत्स्य बीज वितरण कार्यक्रम, तालाबों का विकास, नाव एवं इंजन क्रय पर अनुदान, मछुआ आवास योजना, मत्स्य बीमा योजना, मत्स्य विपणन योजना सहित विभिन्न केंद्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। मा० मंत्री जी ने कहा कि सरकार पारंपरिक मत्स्य पालकों, मत्स्य कृषकों, मत्स्य श्रमिकों एवं मछुआ समुदाय के कल्याण हेतु प्रशिक्षण, ऋण सुविधा एवं स्वरोजगार आधारित योजनाएं संचालित कर रही है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि पात्र व्यक्तियों को इन योजनाओं का लाभ पारदर्शिता एवं त्वरित गति से उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य अधिक से अधिक मछुआ युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाना है। उन्होंने मछुआ समुदाय से आह्वान किया कि वे संगठित होकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और समाज के समग्र विकास में सक्रिय भागीदारी निभाएं। गोष्ठी के दौरान मा० मंत्री जी द्वारा विभागीय अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा की गई तथा मछुआ समुदाय द्वारा प्रस्तुत समस्याओं एवं सुझावों को गंभीरतापूर्वक सुना गया। मा० मंत्री जी ने आश्वासन दिया कि सभी समस्याओं का शीघ्र समाधान कराया जाएगा।
मा० मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने कहा कि “भारत सरकार द्वारा आज जातीय जनगणना की अधिसूचना जारी करना एक ऐतिहासिक और साहसिक कदम है। यह केवल आंकड़ों का विषय नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय, हक, सम्मान और हकदार समाजों के सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया निर्णायक प्रयास है। जातीय जनगणना के माध्यम से निषाद, मल्लाह, केवट, बिंद, कश्यप, गोंड, बाथम, धीवर, मांझी, रायकवार जैसे जलाशय आधारित, परंपरागत रूप से वंचित, पिछड़े समाजों की सही संख्या देश के सामने आएगी। अब इन समाजों की राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षिक हिस्सेदारी भी उनकी वास्तविक जनसंख्या के अनुपात में सुनिश्चित होगी। यही सामाजिक न्याय का असली अर्थ है।
उन्होंने कहा कि मछुआ समाज और निषाद पार्टी इस ऐतिहासिक निर्णय का दिल से स्वागत करती है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का विशेष आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने इस निर्णय के माध्यम से सामाजिक न्याय और वंचित समाज के प्रति अपनी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को सिद्ध किया है। यह निर्णय भारत के वंचित समाज को हिम्मत देगा, हक देगा और बराबरी की ताकत प्रदान करेगा। निषाद पार्टी अपनी स्थापना के प्रथम दिन से ही जातीय जनगणना की पक्षधर रही है। हमने इसके लिए सड़क से संसद तक संघर्ष किया है। मैं अपने समाज के प्रत्येक व्यक्ति से अपील करता हूँ कि वह इस जनगणना प्रक्रिया में पूरी जागरूकता, ईमानदारी और एकजुटता के साथ भाग लें, ताकि समाज की सही संख्या दर्ज हो सके और हमें हमारा हक मिल सके। ‘गिनती होगी तभी हक मिलेगा।’ इस अवसर पर बरेली मंडल के विभिन्न जनपदों से आए मत्स्य पालक, मछुआ प्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण एवं निषाद पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट